Bihar Elections 2020: भाकपा-माले ने जारी किया घोषणा पत्र, शिक्षा और हेल्थ को लेकर रोडमैप, भूमि सुधार कानून लागू करेंगे
By एस पी सिन्हा | Published: October 15, 2020 05:00 PM2020-10-15T17:00:14+5:302020-10-15T17:00:14+5:30
बिहार विधानसभा चुनावः भाकपा- माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा मैं बिहार के बेहतर भविष्य का संकल्प लेता हूं. इस घोषणा पत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने तथा भूमि सुधार कानून को लागू करने की प्राथमिकता दी गई है.
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव की रफ्तार दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है. ऐसे में भाकपा-माले ने चुनाव के लिये घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है. भाकपा-माले 19 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल के रूप में ये लड़ रही है.
भाकपा- माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आज घोषणा पत्र जारी करते हुए कहा मैं बिहार के बेहतर भविष्य का संकल्प लेता हूं. इस घोषणा पत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने तथा भूमि सुधार कानून को लागू करने की प्राथमिकता दी गई है.
माले ने अपने घोषणा पत्र में जनता से यह भी वादा किया है कि महागठबंधन की सरकार बनने पर युवाओं को रोजगार मुहैया कराने से लेकर पलायन को रोकने की प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहारियों के मन में गुस्सा है, ना तो अच्छी शिक्षा है ना ही रोजगार. कोरोना के वक्त भी भाजपा सोती रही. न तो कोरोना को बढ़ने से रोका, ना ही पलायन को.
माले ने अपने घोषणा पत्र में रोजगार पर सबसे ज्यादा जोर दिया है, साथ ही ये भी लिखा है कि बंद उद्योग को शुरु करना होगा. मनरेगा की शर्त बदलनी है, एक परिवार के जितने भी जॉब कार्डधारी हों, उन्हें काम 200 दिन कम से कम काम मिलेगा. सरकारी शिक्षा बेहतर करेंगे. स्वास्थ्य के क्षेत्र में मरीजों के लिये ज्यादा खर्च करेंगे, फ्री में सारी व्यवस्था होगी. पीएचसी की संख्या बढ़ाएंगे, मोहल्ला क्लिनिक बनाएंगे, शहरी स्वास्थ्य के लिये आशा की तरह उषा कार्यकर्ता बहाल करेंगे.
सम्प्रदायिक हिंसा के लिये अधिकारी जवाबदेह लेंगे
माले ने कहा है कि एससी एसटी कानून को मजबूती देंगे, सम्प्रदायिक हिंसा के लिये अधिकारी जवाबदेह लेंगे, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बुजुर्गों को कम से कम 100 रुपये का पेंशन मिलेगा. नियोजित शिक्षकों को समान वेतन समान काम की गारन्टी होगी, गलत मकदमों के कारण जेल में बंद किसान नेताओं की रिहाई होगी. बिहार में मानवाधिकार की रक्षा की गारन्टी होगी.
सरकार पर हमला करते हुए कहा नीतीश कुमार के पास कोई एजेंडा नहीं है, सड़क ओर पुल दोनों टूट रहे हैं, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. सिर्फ अपने अनुभव के आधार पर वोट मांगना बंद करें नीतीश कुमार, अब उसकी जरूरत नहीं.
भाकपा- माले की ओर से जारी घोषणा पत्र के मुताबिक पंचायत व नगर निकायों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन और सेवा शर्त में पूरा सुधार किया जाएगा. वहीं आशा कार्यकर्ता तथा आंगनबाडी सेविका समेत अन्य मानदेय पर कार्यरत कर्मियों के वेतनादि में भी सुधार लाने को प्राथमिकता दी जाएगी. राज्य में न्यूनतम मजदूरी को प्राथमिकता के आधार पर लागू करवायी जाएगी.
घोषणा पत्र जारी करने के बाद भाकपा- माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि चुनाव प्रचार में हर जगह पर जनता के बीच सत्ता परिवर्तन की धमक सुनी है. नीतीश सरकार की विदाई तय है. चुनाव के बाद महागठबंधन की सरकार बनेगी.
उन्होंने नीतीश कुमार पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि अफसरशाही के बल पर नीतीश सरकार चल रही है. करीब 15 सालों तक नीतीश कुमार ने केवल कुर्सी बचाने की राजनीति की है. दीपांकर ने भाजपा पर आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक संस्थाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.