Bihar assembly elections 2020: कोरोना ने चुनावी माहौल को किया ठंडा, कराहने लगा हेलिकॉप्टरों का बाजार, नेता नहीं कर रहे बुक

By एस पी सिन्हा | Published: September 28, 2020 05:40 PM2020-09-28T17:40:25+5:302020-09-28T17:40:25+5:30

किसी भी दल ने हेलिकॉप्टरों को लाने के लिए कोई पहल नही की है. पिछले विधानसभा चुनाव में तीन से आठ सीटर तक वाले हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल हुआ था, जिनमें सिंगल और डबल इंजन दोनों के हेलिकॉप्टर शामिल थे. इस चुनाव में भी ये हेलिकॉप्टर किराये पर उपलब्ध हैं, लेकिन ग्राहक ही नहीं दिख रहे हैं.

Bihar assembly elections 2020 Corona cools election environment market of choppers starts leaders are not booked | Bihar assembly elections 2020: कोरोना ने चुनावी माहौल को किया ठंडा, कराहने लगा हेलिकॉप्टरों का बाजार, नेता नहीं कर रहे बुक

ऑपरेटरों को 10 फीसदी कारोबार होने की भी उम्मीद नहीं है. उनकी मानें तो सात करोड़ भी उड़ान पर खर्च नहीं होंगे. (file photo)

Highlightsचुनाव में आसमान में चील की तरह दिखाई देने वाले उड़न खटोला इसबार शायद हीं दिखाई दें. हर चुनाव में तारीखों के एलान से पहले ही लोग हेलिकॉप्टर के लिए संपर्क करने लगते थे और बुकिंग की झडी लग जाती थी. बुकिंग तो दूर अब तक एक क्वेरी भी नहीं आई है. पिछले चुनाव में 12 एविएशन कंपनियों के हेलिकॉप्टरों ने चुनाव प्रचार में भाग लिया था.

पटनाः कोरोनाकाल में न केवल जनजीवन अस्तव्यस्त हुआ है, बल्कि चुनावी गहमागहमी को भी ठंडा कर दिया है. चुनाव के वक्त उड़न खटोला(हेलिकॉप्टरों) की सवारी करने वाले नेता मायूस दिखाई दे रहे हैं.

हर चुनाव में आसमान में चील की तरह दिखाई देने वाले उड़न खटोला इसबार शायद हीं दिखाई दें. कारण कि अभी तक किसी भी दल ने हेलिकॉप्टरों को लाने के लिए कोई पहल नही की है. पिछले विधानसभा चुनाव में तीन से आठ सीटर तक वाले हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल हुआ था, जिनमें सिंगल और डबल इंजन दोनों के हेलिकॉप्टर शामिल थे. इस चुनाव में भी ये हेलिकॉप्टर किराये पर उपलब्ध हैं, लेकिन ग्राहक ही नहीं दिख रहे हैं.

पटना एयरपोर्ट पर इस तरह की सेवा देने वाले एरोमेक एविएशन के संचालक प्रकाश रंजन ने बताया कि हर चुनाव में तारीखों के एलान से पहले ही लोग हेलिकॉप्टर के लिए संपर्क करने लगते थे और बुकिंग की झडी लग जाती थी. लेकिन, इस बार बुकिंग तो दूर अब तक एक क्वेरी भी नहीं आई है. पिछले चुनाव में 12 एविएशन कंपनियों के हेलिकॉप्टरों ने चुनाव प्रचार में भाग लिया था.

लेकिन इस बार ज्यादातर ऑपरेटरों को 10 फीसदी कारोबार होने की भी उम्मीद नहीं है. उनकी मानें तो सात करोड़ भी उड़ान पर खर्च नहीं होंगे. जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में हेलिकॉप्टरों की उड़ान पर 70 करोड़ खर्च हुए थे. लेकिन इस बार चुनाव आयोग द्वारा बड़ी रैलियों पर रोक लगाने और वर्चुअल प्रचार पर जोर देने के कारण हेलिकॉप्टरों की मांग बहुत कम है.

पिछले चुनाव में राजनीतिक दलों के साथ निर्दलीय ने भी हेलिकॉप्टर से धुआंधार चुनाव प्रचार किये थे. 2015 का बिहार विधानसभा चुनाव पांच चरणों में संपन्न हुआ था और उसमें 48 दिनों तक हेलिकॉप्टरों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल हुआ था. 

बताया जाता है कि शुरुआती आठ दिनों में हेलिकॉप्टरों की संख्या कम थी. लेकिन धीरे-धीरे इनका इस्तेमाल बढा और अंतिम 40 दिनों में यह लगातार चरम पर रहा. जिसमें हर दिन पटना एयरपोर्ट से 24 हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी. इनमें 11 सिंगल इंजन वाले हेलिकॉप्टर थे, जिसमें बेल 407 जैसे हेलिकॉप्टर पर 1.74 करोड़ रुपये खर्च हुए. जबकि रॉबिनसन आर 77 जैसे हेलिकॉप्टर पर 1.3 करोड़ और सभी 11 हेलिकॉप्टर पर 40 दिनों में लगभग 17 करोड़ रुपये विभिन्न राजनीतिक दलों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने खर्च किये थे.

13 हेलिकॉप्टर डबल इंजन वाले थे, जिनमें इसी 135 जैसे हेलिकॉप्टर पर 3.52 करोड़, जबकि अगोस्टा 139 जैसे हेलिकॉप्टरों पर 5.76 करोड़ रुपये खर्च किये गये. इस प्रकार कुल 13 हेलिकॉप्टरों पर लगभग 48 करोड का खर्च आया. सब मिला कर 40 दिनों तक प्रतिदिन 4 घंटे की औसत उड़ान के आधार पर 24 हेलिकॉप्टरों की उड़ान पर 65 करोड़ रुपये खर्च हुए. शुरुआती आठ दिनों में हेलिकॉप्टरों की उड़ान पर लगभग पांच करोड़ रुपये खर्च हुए. इस प्रकार हेलीकॉप्टरों से चुनाव प्रचार पर कुल 70 करोड़ रुपये खर्च हुए.

Web Title: Bihar assembly elections 2020 Corona cools election environment market of choppers starts leaders are not booked

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