बिहार में अब कांग्रेस की बढ़ी चिंता, विधायकों को टूटने से बचाने के लिए बनने लगी है रणनीति, राहुल गांधी का भी नहीं दिखा जादू

By एस पी सिन्हा | Published: November 11, 2020 01:23 AM2020-11-11T01:23:56+5:302020-11-11T01:25:49+5:30

सोनिया गांधी ने पार्टी के दिग्गज नेताओं रणदीप सुरेजवाला और अविनाश पांडेय को बिहार का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. इसके बाद से रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडेय बिहार में कैंप कर रहे हैं. 

Bihar assembly elections 2020 Congress's legislators breaking Rahul Gandhi not show magic | बिहार में अब कांग्रेस की बढ़ी चिंता, विधायकों को टूटने से बचाने के लिए बनने लगी है रणनीति, राहुल गांधी का भी नहीं दिखा जादू

दूसरी ओर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी फ्लॉप साबित हुए हैं. 

Highlightsबिहार की छोटी से लेकर बड़ी राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को भेजने का जिम्मा भी दिया गया है.पार्टी ने बिहार में मिले फीडबैक पर खास फैसला लिया है. फिलहाल बिहार चुनाव के नतीजों का सभी को इंतजार है.कांग्रेस के विधायकों को पंजाब या राजस्थान शिफ्ट करने की भी तैयारी चल रही है.

पटनाः बिहार में सरकार बनवाने की तैयारी में जुटी कांग्रेस को जोर से झटका लगा है. ऐसे में चुनाव के परिणाम ने सबसे ज्यादा चिंता कांग्रेस के लिए खड़ी कर दी है.

चर्चा है कि चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस विधायकों को अब टूटने से बचाने की चुनाती पार्टी पर आ सकती है. पिछले दिनों खबर सामने आई थी कि सोनिया गांधी ने पार्टी के दिग्गज नेताओं रणदीप सुरेजवाला और अविनाश पांडेय को बिहार का ऑब्जर्वर नियुक्त किया है. इसके बाद से रणदीप सुरजेवाला और अविनाश पांडेय बिहार में कैंप कर रहे हैं. 

सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं को पार्टी की गतिविधि से लेकर बिहार की छोटी से लेकर बड़ी राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी कांग्रेस आलाकमान को भेजने का जिम्मा भी दिया गया है. माना जाता है सुरजेवाला के नेतृत्व में खास रणनीति बनी है. उनके कहने पर ही चुनाव परिणाम सामने आने के बाद कांग्रेस के विधायकों को पंजाब या राजस्थान शिफ्ट करने की भी तैयारी चल रही है. पार्टी ने बिहार में मिले फीडबैक पर खास फैसला लिया है. फिलहाल बिहार चुनाव के नतीजों का सभी को इंतजार है.

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी का जादू नहीं चला क्योंकि उन्होंने अब तक जिन क्षेत्रों में रैली कि वहां के 52 सीटों में 42 सीटें महागठबंधन के खाते से निकलती दिख रही है और महज 10 सीटों पर ही जीत दर्ज किया जा सकता है. सीमांचल में कांग्रेस को छह सीटों का नुकसान भी झेलना पड रहा है. जबकि एनडीए ने दूसरे और तीसरे चरण में अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं दूसरी ओर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी फ्लॉप साबित हुए हैं. 

आंकडों पर अगर गौर करें तो 52 सीटों को प्रभावित करने वाली जिन 8 लोगों पर राहुल गांधी के द्वारा चुनावी रैली किया गया था, वहां महागठबंधन की स्थिति काफी ठीक नहीं है. 52 सीटों में 42 सीटें महागठबंधन के खाते से निकलती दिख रही है तो 10 सीटें महागठबंधन के खाते में आ सकती है. ऐसे में यह कहा जा रहा है कि इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी की जादू नहीं दिखा. यहां बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं की दिल्ली की पूरी टीम ने राज्यभर का दौरा किया था और पार्टी नेताओं ने इस चुनाव में 59 सभाएं की थीं.

इनमें से राहुल गांधी ने हर चरण में दो और तीसरे चरण में चार यानी कुल आठ सभाएं बिहार में की थीं. राहुल गांधी ने पहले चरण में हिसुआ और कहलगांव में सभाएं कीं और उसके बाद उन्होंने कुशेश्वरस्थान और वाल्मीकिनगर तथा तीसरे चरण में कोढ़ा, किशनगंज, बिहारीगंज और अररिया में सभाओं को संबोधित किया था. हालांकि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, जब तक चुनाव का पूरा परिणाम सामने नहीं आ जाता तब तक कुछ भी कहा नहीं जा सकता. लेकिन रुझानों के चलते ऐसा अनुमान लगाया जाने लगा है.

Web Title: Bihar assembly elections 2020 Congress's legislators breaking Rahul Gandhi not show magic

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे