Bihar assembly elections: राजनीति से संन्यास लेंगे नीतीश कुमार!, पहला चुनाव 1977 में लड़ा, छह बार रहे मुख्यमंत्री, जानिए इनके बारे में
By एस पी सिन्हा | Published: November 5, 2020 08:20 PM2020-11-05T20:20:48+5:302020-11-05T20:22:21+5:30
नीतीश कुमार ने राजनीति के गुण जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नाडीज से सीखे थे. बिहार के पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार का जन्म साल 1951 में हुआ था.
पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'अंतिम चुनाव' वाले ऐलान ने आज उनके विरोधियों के साथ-साथ उनकी पार्टी और भाजपा को भी चौंका दिया. इसके पहले नीतीश कुमार से जब कभी उनके रिटायरमेंट के बारे में पूछा जाता तो वह सवाल टाल देते थे.
पिछले दिनों कुछ चैनलों को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा था कि 'इस बारे में मत पूछिए, जब तक जनता काम करने का मौका देगी, काम करेंगे. इसीलिए आज उन्होंने आखिरी चुनाव वाला ऐलान किया तो हर कोई चौंक गया. नीतीश कुमार के इस ऐलान को राजनीतिक गलियारों में हर कोई अपने-अपने नजरिए से देख रहा है.
इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार का जन्म साल 1951 में हुआ था
बिहार के पटना इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले नीतीश कुमार का जन्म साल 1951 में हुआ था. नीतीश का उपनाम मुन्ना है. नीतीश के पिता एक स्वतंत्रता सेनानी थे. नीतीश कुमार ने राजनीति के गुण जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जॉर्ज फर्नाडीज से सीखे थे. नीतीश कुमार ने 22 फरवरी 1973 को पेशे से इंजीनियर मंजू कुमारी सिन्हा से शादी की थी. नीतीश कुमार का एक बेटा है जो बीआईटी से ग्रेजुएट है.
नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1977 में हुई थी. इस साल नीतीश कुमार ने जनता पार्टी के टिकट पर पहला विधानसभा चुनाव लड़ा. साल 1985 को नीतीश बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए. इस बीच साल 1987 को नीतीश कुमार बिहार के युवा लोकदल के अध्यक्ष बने. 1989 को नीतीश कुमार को जनता दल का महासचिव बना दिया गया.
साल 1989 नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर के लिए काफी अहम था. इस साल नीतीश कुमार 9वीं लोकसभा के लिए चुने गए. लोकसभा के लिए ये नीतीश कुमार का पहला कार्यकाल था. इसके बाद साल 1990 में नीतीश अप्रैल से नवंबर तक कृषि एवं सहकारी विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री रहे.
नीतीश 1989 के लोकसभा चुनाव में बाढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंचे
1985 में पहली बार विधायक बनने के बाद नीतीश 1989 के लोकसभा चुनाव में बाढ़ से जीतकर लोकसभा पहुंचे। उसके बाद 1991 में लगातार दूसरी बार यहीं से लोकसभा चुनाव जीते। नीतीश 6 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं। तीसरी बार 1996, चौथी बार 1998, 5वीं बार 1999 में लोकसभा चुनाव जीते।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र इस वक्त 69 साल है. उनका राजनीतिक करियर 1977 में शुरू हुआ था. 43 साल की सियासत में नीतीश कुमार ने तमाम उतार चढाव देखे हैं. नीतीश कुमार, छह बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. तीन मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक, 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक, 26 नवंबर 2010 से 19 मई 2014 तक, 22 फरवरी 2015 से 19 नवंबर 2015 और 20 नवंबर 2015 और 2015 से अभी तक वह बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
लोकसभा का चुनाव हुए नीतीश कुमार एक बार फिर से संसद में पहुंचे
साल 1991 में दसवीं लोकसभा का चुनाव हुए नीतीश कुमार एक बार फिर से संसद में पहुंचे. इसी साल नीतीश कुमार जनता दल के महासचिव बने और संसद में जनता दल के उपनेता भी बने. करीब दो साल बाद 1993 को नीतीश को कृषि समित का चेयरमैन बनाया गया. एक बार फिर से आम चुनाव ने दस्तक दी. साल 1996 में नीतीश कुमार 11वीं लोकसभा के लिए चुने गए.
नीतीश कुमार साल 1996-98 तक रक्षा समिति के सदस्य भी रहे. साल 1998 ने नीतीश फिर से 12वीं लोकसभा के लिए चुने गए. 1998-99 तक नीतीश कुमार केंद्रीय रेलवे मंत्री भी रहे. एक बार फिर चुनाव हुए साल 1999 में नीतीश कुमार 13वीं लोकसभा के लिए चुने गए. इस साल नीतीश कुमार केंद्रीय कृषि मंत्री भी रहे. साल 2000 नीतीश कुमार के राजनीतिक कैरियर का सबसे अहम मोड था. इस साल नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने. उनका कार्यकाल 3 मार्च 2000 से 10 मार्च 2000 तक चला.
2000 में नीतीश कुमार एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री रहे
साल 2000 में नीतीश कुमार एक बार फिर से केंद्रीय कृषि मंत्री रहे. साल 2001 में नीतीश कुमार को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. साल 2001 से 2004 तक नीतीश कुमार केंद्रीय रेलमंत्री रहे. साल 2002 के गुजरात दंगे भी नीतीश कुमार के कार्यकाल के दौरान हुए थे. साल 2004 में नीतीश कुमार 14वीं लोकसभा के लिए चुने गए. साल 2005 में नीतीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बने. बतौर 31वें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ये कार्यकाल 24 नवंबर 2005 से 24 नवंबर 2010 तक चला.
2010 में भी उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन कार्यकाल के पूरा होने के पहले ही 2014 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार का जिम्मा लेते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार दिया था.
22 फरवरी 2015 को उन्होंने एक बार फिर बिहार की कमान संभाली और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग की चुनौती को मुंहतोड जवाब देते हुए बिहार की सत्ता पर काबिज हुए और महागठबंधन की सरकार बनाई. हालांकि 18 महीने बाद ही राजद से उनका मोहभंग हो गया और यह गठबंधन टूट गया. इसके बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा की मदद से एनडीए में शामिल होकर बिहार में अपनी सरकार बनाई.