Bihar Assembly election: रघुवंश सिंह ने निधन के बाद गर्मायी बिहार की सियासत, बनाया जा सकता है चुनावी मुद्दा
By एस पी सिन्हा | Published: September 14, 2020 06:36 PM2020-09-14T18:36:26+5:302020-09-14T18:36:26+5:30
बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल है और इस बार के चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह की भी खूब चर्चा होने जा रही है. सिंह को राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. अब उनकी मौत व राजद से मोहभंग को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.
पटनाः बिहार के समाजवादी नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. रघुवंश प्रसाद सिंह भले ही अपनी अंतिम यात्रा पर निकल गए हो, लेकिन बिहार की राजनीति के लिए रघुवंश प्रसाद सिंह कहीं गये नहीं हैं.
बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल है और इस बार के चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह की भी खूब चर्चा होने जा रही है. सिंह को राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. अब उनकी मौत व राजद से मोहभंग को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने की.
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत के लिए सीधे लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि बेटों को स्थापित करने के लिए लालू ने रघुवंश की बलि ले ली. मांझी ने यह भी कहा कि तेज प्रताप यादव के बयान ने रघुवंश प्रसाद सिंह को इतना आहत किया कि उनकी मौत हो गई.
रघुवंश प्रसाद सिंह के हर सपने को पूरा किये जाने का एलान किया
इसबीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के हर सपने को पूरा किये जाने का एलान किया है. बिहार विधान परिषद में रघुवंश बाबू के पार्थिव शरीर के पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे.
श्रद्धांजलि देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह की लोकप्रियता पूरे बिहार में रही है. विभन्न स्थल पर उन्होंने जो काम किया सराहनीय है. चाहे वो एमएलए रहे हों, एमएलसी, एमपी या फिर केंद्र में मंत्री रहे हो. उनकी भूमिका हमेशा सराहनीय रही है.
बिहार की समस्या को लेकर वे हमेशा आवाज उठाते थे. मुख्यमंत्री ने कहा तीन दिनों पहले उन्होंने हमें पत्र लिखा था. जिसमें उन्होंने काबुल में पडे बुद्ध के भिक्षापात्र को बिहार लाने की बात की थी. हमने इस संबंध में उन्हें जवाब देते हुए केन्द्र सरकार को पत्र लिख दिया है. वहीं उन्होंने कहा कि उनके गांव जाने वाली सड़क का नामकरण उनके नाम पर किया जायेगा.
बिहार के लिए जो काम किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि रघुवंश बाबू ने बिहार के लिए जो काम किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने बिहार के विकास के लिए काफी कुछ किया है. उनका निधन बिहार के लिए एक क्षति है. उन्होंने बिहार के लिए जो भी सपना देखा था उसे वे पूरा करेंगे. इसबीच, जीतन राम मांझी ने रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन का कारण तेज प्रताप यादव को बताया है.
साथ ही यह सवाल भी पूछा है कि जब रघुवंश बाबू को श्रद्धांजलि देने तजस्वी यादव सहित तमाम लोग गए तो तेज प्रताप क्यों नहीं गए? उन्होंने कहा कि श्रद्धाजंलि देने नहीं जाना तेज प्रताप के संस्कार को दिखाता है. मांझी ने कहा कि तेज प्रताप ने रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद से जाने को तुलना समंदर से एक लोटा पानी निकलने से करते हुए कहा था कि इतना पानी निकलने से समंदर को कोई फर्क नहीं पडता. रघुवंश प्रसाद इससे इतने आहत हुए कि मौत हो गई.
मांझी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन नहीं हुआ
मांझी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन नहीं हुआ है, बल्कि लालू परिवार के ने उनकी साजिशन हत्या कर दी है. उन्होंने रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन पर शोक प्रकट करे हुए यह भी कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह के इस हालत के लिए लालू परिवार जिम्मेदार है. लालू प्रसाद यादव अपने बेटों तेजस्वी यादव तथा तेज प्रताप यादव को स्थापित करने के लिए राजद के वरिष्ठ नेताओं की बलि चढ़ा रहे हैं.
जीतन राम मांझी ने आगे आरोप लगाया कि रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के लिए तेज प्रातप के साथ लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सभी लोग जिम्मेदार हैं. दरअसल, अपने आखिरी दिनों में रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद को जिस तरह अलविदा कहा और लालू प्रसाद यादव से लेकर नीतीश कुमार तक को पत्र लिखा. यह सब कुछ अब चुनावी एजेंडे में शामिल होने जा रहा है.
हालांकि रघुवंश प्रसाद सिंह की चिट्ठी पर राजद के नेता सवाल उठा रहे हैं. हाल के दिनों में जिन चिट्ठियों की वजह से रघुवंश प्रसाद सुर्खियो में रहे उन चिट्ठीयों को राजद के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चाल बताया है.
उधर, तेज प्रताप यादव के बचाव में उतरे राजद ने मांझी की जम कर खबर ली है. राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि मांझी आज जिस गठबंधन में गए हैं, वहां के लोग पहले से ही मौत पर सियासत करते रहे हैं. पहले सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर सियासत की, उसके बाद अब रघुवंश प्रसाद सिंह की मौत पर सियासत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह राजद के लिए गरिमा की बात रहे हैं, उनपर सियासत नहीं करना चाहिए. यहां बता दें निधन से 3 दिन पहले रघुवंश सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था. पत्र में वैशाली के विकास की बात थी.