Bihar Election 2020: लालू के 'बलि पूजन' पर बवाल, सुशील मोदी बोले- 'तीन साल पहले मुझे मारने के लिए करा चुके हैं तांत्रिक अनुष्ठान'
By विनीत कुमार | Published: October 25, 2020 12:08 PM2020-10-25T12:08:33+5:302020-10-25T12:08:33+5:30
सुशील कुमार मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर लालू यादव को अंधविश्वासी बताया है। उन्होंने ट्वीट कर ये आरोप लगाया है कि लालू तीन साल पहले उन्हें मारने के लिए भी तांत्रिक अनुष्ठान कर चुके हैं।
Bihar Election 2020: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव के 'बलि पूजन' को लेकर आई मीडिया में रिपोर्ट्स पर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बिहार के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि लालू यादव ने तीन साल पहले उन्हें मारने के लिए भी तांत्रिक अनुष्ठान कराया था।
इसके अलावा ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर ये बताने की कोशिश की लालू यादव अंधश्रद्धा में भरोसा करते हैं। सुशील मोदी ने ट्वीट किया, 'लालू प्रसाद इतने अंधविश्वासी हैं कि उन्होंने न केवल तांत्रिक के कहने पर सफेद कुर्ता पहनना छोड़ा, बल्कि तांत्रिक शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया। उसी तांत्रिक ने विंध्याचल धाम( मिर्जापुर) में लालू प्रसाद से तांत्रिक पूजा करायी थी। वे तीन साल पहले मुझे मारने के लिए भी तंत्रिक अनुष्ठान करा चुके हैं।'
उसी तांत्रिक ने विंध्याचल धाम( मिर्जापुर) में लालू प्रसाद से तांत्रिक पूजा करायी थी। वे तीन साल पहले मुझे मारने के लिए भी तंत्रिक अनुष्ठान करा चुके हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 24, 2020
साथ ही सुशील मोदी ने लिखा, '2009 में पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने तारेगना पहुँचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब ग्रहण के समय बिस्कुट खा लिये, तब अंधविश्वासी लालू प्रसाद ने कहा था कि इससे अकाल पड़ेगा। इसके विपरीत बिहार में एनडीए शासन के दौरान कृषि पैदावार बढ़ी।'
सुशील मोदी यही नहीं रूके और लिखा, '2005 में जब जनता ने लालू-राबड़ी के कुशासन को खारिज कर दिया, तब लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री आवास छोड़ने में डेढ़ महीने लगा दिये थे और बाद में कहा कि वे आवास की दीवार में ऐसी तंत्रसिद्ध पुड़िया रख आये हैं कि अब कोई वहां नहीं टिक पाएगा। उसी आवास में रहते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 साल से बिहार की सेवा कर रहे हैं और राज्य विकास की मंजिलें तय कर रहा है।'
सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद को जनता पर भरोसा नहीं, इसलिए वे तंत्र-मंत्र, पशुबलि और प्रेत साधना जैसे कर्मकांड कराते रहे। इसके बावजूद वे न जेल जाने से बचे, न सत्ता बचा पाये। वे अभी 14 साल जेल में ही काट सकते हैं।
चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद बिहार विधानसभा चुनाव के पहले रांची के केली बंगले में जेल मैन्युअल की धज्जी उड़ाते हुए नवमी के दिन तीन बकरों की बलि देने वाले हैं।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 24, 2020
उन्हें आभास हो चुका है कि हाशिये पर पड़े कुछ दलों से गठबंधन और बड़बोले वादे पार्टी की नैया पार नहीं लगा सकते।
नवरात्रि में लालू कर रहे हैं बलि पूजन!
दरअसल, पूरा विवाद उन तस्वीरों के बाद शुरू हुआ है जिसमें एक शख्स दो बकरों के साथ रांची के रिम्स स्थित बंगले में जाता नजर आ रहा है, जहां लालू अभी सजा काट रहे हैं। जेल के बदले रांची के रिम्स में स्थित 1 केली बंगले में अपनी सजा काट रहे हैं।
खराब स्वास्थ्य के कारण वे इलाज के लिए रांची के रिम्स में भर्ती थे। बाद में कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें रिम्स निदेशक के 1 केली बंगले में शिफ्ट कर दिया गया। इसे लेकर झारखंड में बीजेपी और विपक्ष की पार्टियों की ओर से कई तरह के सवाल भी उठाए जाते रहे हैं।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लालू यादव कुल तीन बकरों की बलि चढ़ाने वाले हैं। इसमें पहले बकरे की बलि बिहार में एनडीए को हराने के लिए है। दूसरी बलि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की इच्छा और तीसरी बलि उनकी खुद की जेल से रिहाई के लिए है।
इन खबरों की कोई पुष्टि नहीं हुई है। अमूमन धार्मिक मान्यता है कि नवरात्र की नवमी को देवी से मन की मुराद मांगने और पूरी होने पर बलि देकर माता की पूजा की जाती है। लालू के कथित तौर पर बलि पूजन करने की बात सामने आने के बाद बीजेपी ने सवाल उठाए हैं और पूछा है कि जेल में ऐसी प्रथाओं की अनुमति दी जाती है क्या?