Bihar Assembly election 2020: महागठबंधन में सीटों का बंटवारा, आरजेडी-144, कांग्रेस-70 और लेफ्ट 29 सीटों पर लड़ेगी चुनाव
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 3, 2020 05:11 PM2020-10-03T17:11:25+5:302020-10-03T19:33:13+5:30
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। राजद के तेवर सहयोगियों की नाराजगी के बाद नरम पड़े हैं। इतना ही नहीं वाम दल भी महागठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है। बिहार में 243 विधानसभा सीट है। राजद 144 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। कांग्रेस को 70 सीट मिली हैं। 2015 में कांग्रेस, राजद और जदयू मिलकर चुनाव लड़े थे। लेफ्ट दल को 29 सीट मिली हैं। वाल्मिकीनगर सीट पर उपचुनाव होने को है। यह सीट कांग्रेस को दी गई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि 10 लाख नौकरियां देंगे।
एनडीए की हार हुई थी। इस बार जदयू भाजपा के साथ हैं। महागठबंधन के सभी दलों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई(माले), सीपीआई, सीपीएम महागठबंधन का हिस्सा हैं। राजद के तेवर सहयोगियों की नाराजगी के बाद नरम पड़े हैं। इतना ही नहीं वाम दल भी महागठबंधन का हिस्सा हो सकते हैं।
हालांकि, मंच से ही वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर गठबंधन दल के सभी नेताओं को आश्चर्यचकित कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आरजेडी ने उनके पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है।
महागठबंधन और एनडीए में सीट को लेकर खींचतान मची हुई है। लालू यादव, सोनिया गांधी ने मिलकर मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल के कारण मामला बिगड़ गया था। बाद में राहुल गांधी और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने फोन पर बात कर स्थिति को संभाल लिया।
महागठबंधन से कई दल बाहर हो गए हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दी और बसपा से साथ गठबंधन कर लिया। पूर्व सीएम जीतम राम मांझी भी महागठबंधन जहाज से उतर गए। मांझी एनडीए खेमे में आ गए। विधानसभा की 243 सीटों में से राजद 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। कांग्रेस को 70 सीटें मिली हैं। 2015 में राजद 100 सीटों पर जबकि, कांग्रेस 43 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
इसमें राजद ने 80 तो कांग्रेस ने 27 सीटें पर जीत दर्ज की थी। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और 10 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद भी अब तक कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के तालमेल को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी 101, जेडीयू 101 और कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ी थी।
जेडीयू तब महागठबंधन का हिस्सा थी, लेकिन इस चुनाव में वो अपने पुराने साथी बीजेपी के साथ है और NDA का अहम हिस्सा है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही NDA इस बार चुनाव लड़ रही है।गौरतलब है कि राज्य में 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले चुनाव में आरजेडी और कांग्रेस महागठबंधन का मुकाबला नीतीश के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से है। बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री युवा तेजस्वी यादव में अनुभव की कमी है। अगर लालू प्रसाद यादव जेल में नहीं रहते तो यह मामला सुलझ गया होता। गोहिल ने चेतावनी दी कि कांग्रेस व आरजेडी के अलग-अलग चुनाव लड़ने पर आरजेडी को नुकसान होगा।