अनंत सिंह के पुश्तैनी घर से AK-47 मिलने का मामला: NIA जांच में जुटी, इस एक्ट के तहत घोषित किया जा सकता है आतंकी
By एस पी सिन्हा | Published: August 17, 2019 06:57 PM2019-08-17T18:57:04+5:302019-08-17T18:57:04+5:30
अनंत सिंह के घर से पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी कर एक एके-47 राइफल और हैंड ग्रेनेड बरामद किया है. इसके बाद उनपर सरकार अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट(यूएपीए एक्ट) के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें आतंकी घोषित कर सकती है और इसके लिए राज्य सरकार की इजाजत लेने की भी जरुरत नहीं होगी.
बिहार के मोकामा से निर्दलीय विधायक एवं बाहुबली अनंत सिंह के खिलाफ एसटीएफ और एनआइए ने शिकंजा कस दिया है. बिहार पुलिस ने बाहुबली विधायक के घर छापेमारी से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां एनआइए को सौंपी हैं. अनंत सिंह के घर से पुलिस ने शुक्रवार को छापेमारी कर एक एके-47 राइफल और हैंड ग्रेनेड बरामद किया है. इसके बाद उनपर सरकार अनलॉफुल एक्टिविटी प्रीवेंशन एक्ट(यूएपीए एक्ट) के तहत कार्रवाई करते हुए उन्हें आतंकी घोषित कर सकती है और इसके लिए राज्य सरकार की इजाजत लेने की भी जरुरत नहीं होगी.
बताया जाता है कि यूएपीए के अंतर्गत मामले में कोर्ट अग्रिम जमानत नहीं देती है. वहीं, पुलिस अब विधायक की गिरफ्तारी वारंट जारी करने के लिए प्रे कर रही है. बताया जा रहा है कि कोर्ट जल्द ही गिरफ्तारी की वारंट जारी कर सकती है. चूंकि इस कानून में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है तो अनंत सिंह की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है. बता दें कि यूएपीए कानून 1967 में पारित हुआ और इसमें लगातार संशोधन होते रहे हैं. यह अधिनियम केंद्र सरकार को अधिकार देता है कि अगर कोई संगठन देश की 'संप्रभुता और अखंडता' के लिए बड़ा खतरा हो या वह विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाता हो या राष्ट्र की एकता के लिए खतरा लगता हो तो उसे 'गैर-कानूनी' घोषित किया जा सकता है. हाल में मोदी सरकार ने इसमें संशोधन किया है और नए कानून के मुताबिक आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त होने की आशंका के आधार पर संगठन के अलावा किसी अकेले व्यक्ति को भी आतंकी घोषित किया जा सकता है और इसकी जांच इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी भी कर सकता है.
वहीं, विधायक पर अन्य कई मामले दर्ज किए गए हैं. उनके खिलाफ पटना जिले के बाढ़ थाना में आर्म्स एक्ट, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) अधिनियम और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. दरअसल बाढ़ के लदमा गांव स्थित अनंत सिंह के घर से जो हथियार बरामद किए गए हैं उनमें दो ग्रेनेड एचइ 36 प्रकार का है. वहीं एके 47 असेंबल किया हुआ है. असेंबल किया हुआ का अर्थ ये है कि इस हथियार के पार्ट्स अलग-अलग लाए गए और फिर से बनाया गया.
यहां बता दें कि कुछ महीने पहले मुंगेर के बरहद गांव से भारी संख्या में एके 47 बरामदगी की गई थी. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से गायब किए गए उन हथियारों के पार्ट्स भी अलग-अलग थे. यानि ये भी असेंम्बल्ड थे. अनंत सिंह के घर से मिले एके 47 रायफल के पुर्जे भी अलग-अलग जगहों से मंगवाए गए हैं. कुछ पार्ट्स खुले हुए भी थे. इसकी जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार एके 47 पर मिले नंबर पुलिस की जांच के लिए बड़ा क्लू हो सकता है. दरअसल हथियार के अलग-अलग पार्ट्स पर नंबर अंकित हैं. उन नंबरों के जरिये यह पता किया जा सकता है कि हथियार कहां से और कब लाए गए थे. इसके सप्लायर का पता भी पुलिस को चल सकता है. जाहिर है जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी अभी इसकी कई परतें खुलती जाएंगी. पुलिस सूत्रों के अनुसार अब इस मामले की जांच में स्पेशल टॉस्क फोर्स के साथ ही एनआइए की टीम भी जुट गई है.
बताया जा रहा है कि यह मामला एक विधायक और अत्याधुनिक हथियार एके 47 से जुड़ा है और ग्रेनेड की भी बरामदगी हुई है. इसलिए यह मामला थाना स्तर के किसी अधिकारी को न देकर एएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपा गया है. पुलिस मुख्यालय पूरे मामले पर नजर बनाये हुए है. एनआइए की टीम भी लदमा पहुंच कर जांच में जुट गई है. वहीं, पटना पुलिस के एक अधिकारी ने संकेत दिये है कि इस मामले में विधायक और उनके परिवार के सदस्य की गिरफ्तारी भी हो सकती है. अनंत सिंह के मामले की जांच एएसपी लिपि सिंह करेगी. उन्हें इस केश का आईओ बनाया गया है.
यहां उल्लेखनीय है कि अनंत सिंह ने लिपि सिंह पर आरोप लगाय था कि वह उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है. उनके खिलाफ जानबूझ कर कार्रवाई की जा रही है. अनंत सिंह ने आरोप लगाया है कि उनके पिता आरसीपी सिंह जदयू के राज्यसभा सदस्य हैं और सरकार में हैं इसलिए उनके इशारे पर फंसाया जा रहा है. लोकसभा चुनाव के वक्त इसी शिकायत के आधार पर चुनाव आयोग ने लिपी सिंह को चुनाव कार्यों से अलग भी कर दिया था.