बिहार: बक्सर के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक युवक ने बिगाड़ी सेंटर की व्यवस्था, अकेले खा जाता है 30-35 रोटियां या फिर 80-85 लिट्टी
By एस पी सिन्हा | Published: May 28, 2020 03:26 PM2020-05-28T15:26:14+5:302020-05-28T15:34:42+5:30
21 साल की उम्र का ये युवक बक्सर के मंझवारी में राजकीय बुनियादी विद्यालय में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है. उसकी कद-काठी भी सामान्य है और वजन भी सिर्फ 70 किलो है. लेकिन खुराक ऐसी है कि पहलवान भी शर्मा जायें. क्वारंटीन सेंटर के संचालकों के मुताबिक अनूप ओझा नाम का ये युवक एक दफे में 8 से 10 प्लेट चावल या कम से कम 30-35 रोटियां खा रहा है.
पटना: बिहार के बक्सर के एक क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे एक युवक ने सबको परेशान कर रखा है. उसकी आदतें देखकर एक तरफ लोग हैरान हैं तो वहीं क्वारंटाइन सेंटर में खाना बनाने वाले रसोईये परेशान हैं. क्वारंटाइन सेंटर का दीवाला एक अकेले युवक ने निकाल रखा है. 21 साल का सामान्य कद काठी का ये युवक एक बार में 8-10 आदमियों के बराबर खाना खा रहा है. क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे इस युवक के लिए खाना जुटा पाना संचालकों के लिए मुश्किल होता जा रहा है.
इसतरह से युवक की भूख ने सबको हैरत में डाल दिया है. जिससे वहां रह रहे लोगों के सामने बडी मुश्किल खड़ी हो गई है. युवक के लिए भरपेट भोजन का इंतजाम करना भी अब मुश्किल हो रहा है. 21 साल की उम्र का ये युवक बक्सर के मंझवारी में राजकीय बुनियादी विद्यालय में बनाये गये क्वारंटाइन सेंटर में रह रहा है. उसकी कद-काठी भी सामान्य है और वजन भी सिर्फ 70 किलो है. लेकिन खुराक ऐसी है कि पहलवान भी शर्मा जायें. क्वारंटीन सेंटर के संचालकों के मुताबिक अनूप ओझा नाम का ये युवक एक दफे में 8 से 10 प्लेट चावल या कम से कम 30-35 रोटियां खा रहा है. उसी के मुताबिक सब्जी और दाल भी. उसकी खुराक ने क्वारंटाइन केंद्र की व्यवस्था को खराब कर दिया है. उसकी खुराक प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनूप ओझा बक्सर के सिमरी प्रखंड के खरहाटांड गांव का मूल निवासी है. कुछ महीने पहले ही वह राजस्थान के भिवाडी में रोजी-रोटी की तलाश में गया था. लेकिन उसे काम मिल पाता उससे पहले ही कोरोना संकट शुरू हो गया. काफी दिनों तक अनूप ओझा लॉकडाउन में फंसा रहा. एक सप्ताह पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उसे बक्सर लाया गया. फिर प्रशासन ने उसकी स्वास्थ्य जांच के बाद क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया. इस सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में फिलहाल 87 लोगों को रखा गया है. बक्सर के मझवारी पंचायत की व्यवस्था स्थानीय मुखिया प्रमोद कुमार साह देख रहे हैं. उन्होंने बताया कि अनूप के लिए यहां विशेष व्यवस्था की गई है. मुखिया के मुताबिक अनूप को चावल देने में तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वह अकेले 35 रोटियां खा रहा है. लिहाजा रोटी बेलने वाले को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है. मुखिया ने बताया कि तीन-चार दिन पहले क्वारंटाइन सेंटर पर प्रवासियों के लिए लिट्टी-चोखा बना था. अनूप ओझा ने अकेले 83 लिट्टी खा गए तब भी उसका पेट नहीं भरता है.
दरअसल, अनूप की भूख ऐसी है कि ये दस लोगों का खाना एक साथ खा जाते हैं. अनूप खुद ही कहते हैं कि वो 30-35 रोटी से नाश्ता करते हैं फिर एक दिन अकेले ही 80-85 लिट्टी खा जाते हैं, तब भी पेट खाली-खाली लगता है. प्रखंड के अधिकारी भी इसकी खुराक को देखकर हैरान और परेशान हैं. जब इस क्वारंटाइन सेंटर में खाने की चीजें जल्दी-जल्दी खत्म होने लगी तो अधिकारियों ने इसका कारण पूछा. तब बताया गया कि एक पेटू सेंटर में आया है जो सब खा जाता है. जब अधिकारियों को विश्वास नहीं हुआ तो प्रखंड अधिकारी एक दिन ठीक भोजन के समय क्वारंटाइन सेंटर पहुंचे. उन्होंने जब अपनी आखों से अनूप की खुराक देखी तो हैरान रह गए.
अंचलाधिकारी आमोद राज ने बताया कि अनूप के खाना के बारे में सुनकर वे भी उसे देखने पहुंचे थे. अंचलाधिकारी ने बताया कि वे भी उसकी खुराक और पाचन शक्ति को देख हैरान रह गए. उन्होंने बताया कि सरकार ने क्वारंटाइन सेंटर पर रहने वालों को पर्याप्त भोजन देने का निर्देश दिया है. ऐसे में अनूप को भी उसकी खुराक के मुताबिक भोजन देना प्रशासन का कर्तव्य है. लिहाजा क्वारंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त कर्मियों को उसे भरपूर भोजन देने का निर्देश दिया गया है. वैसे आज उसका क्वारंटाइन टाइम पूरा हो हो गया है तो उसे घर भेजा जा रहा है.