बिहार: सरकारी डॉक्टर की लापरवाही से 8 साल की बच्ची की चली गई जान, एक्शन में सरकार, स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात

By एस पी सिन्हा | Published: May 15, 2020 05:57 PM2020-05-15T17:57:20+5:302020-05-15T17:57:20+5:30

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डॉक्टर ने हॉस्पिटल में सभी दवाएं एवं उपकरण रहने के बावजूद उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार रोगी की चिकित्सा नहीं की. 

Bihar 8-year-old girl lost her life due to negligence of government doctor, health department said this | बिहार: सरकारी डॉक्टर की लापरवाही से 8 साल की बच्ची की चली गई जान, एक्शन में सरकार, स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात

बिहार: सरकारी डॉक्टर की लापरवाही से 8 साल की बच्ची की चली गई जान, एक्शन में सरकार, स्वास्थ्य विभाग ने कही ये बात

Highlightsसरकार ने ड्यूटी से गायब डॉक्टरों को अल्टीमेटम दिया है कि वो तीन दिनों के भीतर योगदान दे वरना सख्त एक्शन के लिए तैयार रहें. अब सरकार ने उनकी संविदा गत नियुक्ति रद्द करने से पहले स्पष्टीकरण की मांग किया है.

पटना: बिहार में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर की लापरवाही से 8 साल की बच्ची की मौत हो जाने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है. स्वास्थ विभाग ने बजाता प्रेस नोट जारी कर बताया है कि 11 मई को 8 साल की बच्ची चांदनी कुमारी गंभीर स्थिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुन्नीसैदपुर (सीतामढी) लाई गई. लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अनिल कुमार सिंह ने बिना उचित इलाज किए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया.

इसके बाद मामला सामने आने के बाद सरकार ने आरोपी संविदा डॉक्टर पर कार्रवाई से पहले शो-कॉज जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग ने पूछा है कि क्यों ने आपकी इस लापरवाही पर नियुक्ति रद्द कर दिया जाए और आपके निबंधन को रद्द करने के लिए अनुशंसा कर दी जाए. विभाग के अनुसार डॉक्टर ने हॉस्पिटल में सभी दवाएं एवं उपकरण रहने के बावजूद उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार रोगी की चिकित्सा नहीं की. 

एसकेएमसीएच में जाने के बाद उस बच्ची की इलाज की गई, बावजूद रोगी की स्थिति में सुधार नहीं हुआ और 13 मई को बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद स्वास्थ विभाग ने चांदनी कुमारी की समुचित चिकित्सा न कर एसकेएमसीएच रेफर करने के मामले में डॉक्टर अनिल कुमार सिंह की लापरवाही, कर्तव्य हीनता तथा मरीजों के उपचार के प्रति उदासीन पाया. इसके बाद उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है. 

अब सरकार ने उनकी संविदा गत नियुक्ति रद्द करने से पहले स्पष्टीकरण की मांग किया है. साथ ही यह भी पूछा गया है कि उनके इस अनप्रोफेशनल व्यवहार के लिए क्यों न बिहार मेडिकल रजिस्ट्रेशन काउंसिल से उनके निबंधन को रद्द करने की अनुशंसा कर दी जाए?

उधर, स्वास्थ विभाग ने ड्यूटी से गायब रहने वाले डॉक्टरों को एक बार फिर से चेतावनी दी है.  सरकार ने ड्यूटी से गायब डॉक्टरों को अल्टीमेटम दिया है कि वो तीन दिनों के भीतर योगदान दे वरना सख्त एक्शन के लिए तैयार रहें. स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि आपदा की घडी में 51 चिकित्सक, सीनियर रेजिडेंट अपने कर्तव्य से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित हैं. विभागीय निर्देश के बावजूद ड्यूटी से गायब रहना सरकार के आदेश की अवहेलना तथा सरकारी कार्यों के प्रति घोर लापरवाही है. जो अत्यंत ही खेद जनक है.

सभी चिकित्सक शिक्षकों को अंतिम रूप से निर्देश दिया जाता है कि वो 3 दिन के अंदर अपना योगदान समर्पित करें अन्यथा बिना किसी सूचना के अनाधिकृत रूप से लगातार 15 दिनों से अधिक तक अनुपस्थित संविदा चिकित्सक शिक्षक के पद पर कार्यरत सीनियर रेजिडेंट की संविदा समाप्त मानी जाएगी और अनुपस्थित चिकित्सकों के विरुद्ध नियमानुसार और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.

Web Title: Bihar 8-year-old girl lost her life due to negligence of government doctor, health department said this

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