बिहार: पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार के वक्त सलामी देने के दौरान बिहार पुलिस की 22 राइफलें हुईं फेल
By एस पी सिन्हा | Published: August 21, 2019 09:06 PM2019-08-21T21:06:40+5:302019-08-21T21:06:40+5:30
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का निधन सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. लेकिन इस विशेष मौके पर बिहार पुलिस की पोल खुल गई, जब एक साथ बिहार पुलिस की 22 राइफल फेल कर गईं. वह भी तब जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि में उन्हें सलामी दी जा रही थी. खास बात ये रही कि पुलिस की ये बेईज्जती मुख्यमंती नीतीश कुमार के सामने ही हुई.
वैसे बिहार पुलिस हमेशा से अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए जानी जाती है. कभी इसका मजाक पुलिसकर्मियों की वजह से उड़ता है तो कभी संसाधनों के अभाव में. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र की सुपौल में उनके पैतृक गांव में अंत्येष्टि हो रही थी. इस दौरान शव को सलामी देने पहुंचे पुलिस वालों ने जब फायरिंग किया तो किसी की बंदूक नहीं चली.
जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान में उनको 22 बंदूकों से सलामी दी जानी थी. लेकिन एक भी बंदूक से गोली नंही चलीय ये पूरी घटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने हुई. अंतिम संस्कार के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत अनेक मंत्री व अधिकारी मौजूद थे. दिवंगत डॉ जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर के लिए 22 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन इनमें से एक भी पुलिस की बंदूक नहीं चली. सब बंदूकें फुस्स कर गयीं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र का निधन सोमवार को दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था. मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर पटना लाया गया. विधानमंडल परिसर के साथ कांग्रेस कार्यालय में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. रात में पटना स्थित उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को रखा गया और आज सुबह पैतृक गांव सुपौल के बलुआ ले जाया गया.
वहीं, पुलिस की बन्दूकों के धोखा देने के बाद पुलिस के इस कारनाने पर राजद ने भी चुटकी ली है. पार्टी के विधायक यदुवंश यादव ने कहा कि ये न केवल पुलिस की नाकामी बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री के सम्मान के साथ खिलवाड़ का मामला है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए. उधर, डॉ जगन्नाथ मिश्र को अंतिम विदाई देने जनसैलाब उमड़ पड़ा.
मिथिला के इतिहास पुरुष को अंतिम विदाई देने के लिए बिहार के कोने-कोने से लोग पंहुचे हुए थे. पूर्व मुख्यमंत्री के पैतृक गांव बलुआ बाजार में ऐतिहासिक भीड़ उमड़ पड़ी थी. हर गली व चौक-चौराहों पर लोग ही लोग नजर आ रहे थे. आज दोपहर एक बजे जैसे ही उनका पार्थिव शरीर पैतृक आवास में पहुंचा तो यहां मौजूद हजारों की भीड़ की आंखें नम हो गईं. अपने चहेते नेता की झलक पाने काफी संख्या में भीड़ एकत्र थी. जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से उतारा गया, वहां मौजूद कई लोग बिलख-बिलख कर रो पड़े.
इससे पूर्व भीमपुर चौक से लंबे काफिले के साथ एंबुलेंस में उनकी पार्थिव काया बलुआ बाजार स्थित निवास स्थल में लाया गया. इस दौरान पूरा रास्ता जगन्नाथ मिश्र अमर रहे, जबतक सूरज चांद रहेगा डॉक्टर साहब तेरा नाम रहेगा के नारों से गूंज रहा था. निवास स्थल पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को रखा गया. इसके बाद दूर-दूर से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. लोगों की आंखें अपने डॉक्टर साहब को खोने के दुख में नम थीं. कई लोग फूट-फूटकर रो रहे थे. लोग कतार में खड़े होकर अंतिम दर्शन के लिए बाट जोहते रहे.
बता दें कि 82 वर्ष के डॉ जगन्नाथ मिश्र की गिनती बिहार के कद्दावर नेताओं में होती थी. वो तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी मंत्री का पद संभाल चुके थे. उनके निधन के बाद तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई है.