बिहार में नवगठित 17वीं विधानसभाः पहले ही दिन कांग्रेस सहित विरोधी दल के नेताओं ने जमकर किया हंगामा, बाहर और भीतर लहराए पोस्टर
By एस पी सिन्हा | Published: November 23, 2020 01:51 PM2020-11-23T13:51:24+5:302020-11-23T13:58:45+5:30
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक गुलनाज को इंसाफ दो, महिला विरोधी सरकार शर्म करो के पोस्टर लहरा रहे थे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर भी जमकर नारेबाजी किया. इनके साथ ही सदन के बाहर वामदलों के नेताओं ने भी नारेबाजी किया.
पटनाः 17वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है. नव निर्वाचित विधायकों के शपथ से पहले ही कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस सदस्यों ने सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विधानसभा के बाहर कांग्रेस के विधायकों ने हाथ में तख्ती लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी की.
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक गुलनाज को इंसाफ दो, महिला विरोधी सरकार शर्म करो के पोस्टर लहरा रहे थे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. कांग्रेस विधायकों ने सदन के बाहर भी जमकर नारेबाजी किया. इनके साथ ही सदन के बाहर वामदलों के नेताओं ने भी नारेबाजी किया.
भूमि सुधार कानून, गन्ना किसानों के मुद्दे और वैशाली में छेड़खानी के विरोध पर मनचलों द्वारा जलाकर मारी गई गई गुलनाज को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे थे. विपक्ष ने हॉल में जाने के बजाए सत्र शुरू होने से पहले ही गुलनाज हत्याकांड को लेकर बाहर जमकर प्रदर्शन किया. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले से ही कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में बैनर और तख्ती के साथ जमकर नारेबाजी की और महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला.
कांग्रेस सदस्यों ने सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस सदस्यों ने सरकार खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विधानसभा के बाहर कांग्रेस के विधायकों ने हाथ में तख्ती लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी की. कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक कार्यवाही शुरू होने से पहले ही हंगामा शुरू कर दिया था. वैशाली में गुलनाज मामले को लेकर विधायकों ने खूब हंगामा किया. उन्होंने हाथ में बैनर और पोस्टर लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महिला विरोधी बताया.
वहीं, विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों का सरकार के खिलाफ नारेबाजी के बाद जदयू आक्रामक हो गई है. पूर्व मंत्री और जदयू विधान पार्षद नीरज कुमार ने कांग्रेस नेताओं से सवाल पूछा,- बलात्कार के आरोपी अरुण यादव के बारे में क्यों नहीं कांग्रेस के नेता सदन में सवाल उठाते कि उसका संरक्षण दाता तेजस्वी यादव हैं. कांग्रेस के नेता क्यों नहीं तेजस्वी यादव से सवाल पूछते? उन्होंने कहा कि वैशाली की घटना में चंदन यादव और सतीश यादव की गिरफ्तारी हुई और एसएचओ को निलंबित किया गया.
अरुण यादव का आश्रयदाता कौन है?
कांग्रेस के नेता सवाल क्यों नहीं पूछते या क्यों नहीं प्रदर्शन करते कि हत्या के आरोपी तेजस्वी यादव बलात्कार के आरोपी अरुण यादव को राजनीतिक संरक्षण दिये हुए हैं. अरुण यादव का आश्रयदाता कौन है? इस पर भी कांग्रेस के नेता अपनी जुबान खोलें. नीरज कुमार ने कहा कि अरुण यादव क्यों नहीं सवाल उठा रहे क्या राजनीतिक टौंसिंल बढ़ गया है? अरुण-राजवल्लभ यादव जैसे लोगों का आईकौन कौन है यह बिहार की जनता जानती है.
विधानसभा के पहले सत्र की बैठक में शामिल होने के लिए तेजस्वी यादव भी सदन पहुंचे हैं. अपने बडे़ भाई तेजप्रताप यादव के साथ तेजस्वी विधानसभा पहुंचे तो राजद के विधायकों ने उनका स्वागत किया. राजद विधायक आलोक मेहता समेत अन्य विधायकों ने सदन पोर्टिको में बुके देकर तेजस्वी यादव का स्वागत किया. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर से नीतीश कुमार नजर आए, लेकिन उनके बगल वाली सीट पर सुशील मोदी की वजह है मौजूदा उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद बैठे दिखे. नई विधानसभा के अंदर कई चीजें बदली बदली नजर आई.
बिहार विधानसभा में 43.2 फीसदी अर्थात 105 सदस्य आए हैं
सत्र के पहले दिन 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 43.2 फीसदी अर्थात 105 सदस्य आए हैं, जो पहली बार विधानसभा की सदस्यता की शपथ लिया. पिछली विधानसभा के भी सदस्य रहे 98 यानी कि 40.3 फीसदी सदस्य इस विधानसभा में भी दोबारा जीतकर आए हैं.
वहीं 40 (16.46) ऐसे सदस्य भी 23 और 24 नवम्बर के बीच सदस्यता लेंगे जो अंतराल (ब्रेक) के बाद जीतकर फिर से बिहार विधानसभा पहुंचे हैं. इसबार सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं. इस बार विपक्ष भी मजबूत है. नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए के गठन के साथ ही विपक्ष के हमले तेज हो गए हैं. खासकर महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के हमले. बिहार का मजबूत विपक्ष इस बार मंत्रिमंडल में दागीं मंत्री, नौकरी और चुनाव में धांधली के आरोप को लेकर सदन में मुद्दा बना सकता है.