इंसेफेलाइटिस: बिहार में अब तक 153 बच्चों की मौत, लोगों का आरोप- ORS भी मुहैया नहीं करा पा रही सरकार

By एस पी सिन्हा | Published: June 20, 2019 06:07 PM2019-06-20T18:07:24+5:302019-06-20T18:07:24+5:30

लोगों का कहना है कि इस जानलेवा बीमारी को लेकर सरकार की ओर से इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. अस्पताल जाने पर डॉक्टर इन्हें दवा की पर्ची थमा देते हैं. इस चिलचिलाती धूप में ये अपने बीमार बच्चे को गोद में लिये इधर-उधर भटकते रहते हैं. सरकार की ओर से इन्हें ओआरएस भी नहीं दिया गया है.

Bihar: 153 Children died of Encephalitis Chamki Fever, Govt unable to provide ORS | इंसेफेलाइटिस: बिहार में अब तक 153 बच्चों की मौत, लोगों का आरोप- ORS भी मुहैया नहीं करा पा रही सरकार

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (Image Source: Twitter/@ajplus)

बिहार में एईएस का कहर थमने का नाम हीं नही ले रहा है. अबतक 153 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मुजफ्फरपुर में बुधवार देर रात तक 95 बच्चों की मौत बताई गई. 19 वें दिन बुधवार को देर रात तक मुजफ्फरपुर में कुल 8 बच्चों की जान इस बीमारी से चली गई. इनमें से 7 बच्चों की मौत एसकेएमसीएच व एक की केजरीवाल अस्पताल में हुई है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में इस बीमारी से आज पीड़ित 32 नए बच्चों को भर्ती किया गया है. एसकेएमसीएच में 24 व केजरीवाल अस्पताल में आठ नए मरीजों का एईएस के तय प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है. मुजफ्फरपुर में बीते 19 दिनों में एईएस के 500 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. ऐसी स्थिती में लोगों में दहशत का माहौल है.

बच्चों की मौत के बढ़ते आकड़ों से लोग खौफ में जी रहे हैं. खौफ के साये में जी रहे लोगों ने अपने बच्चों को गांव से बाहर भेज दिया है. कुछ बच्चे अपने ननिहाल तो कुछ किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. कोई भी अपने बच्चों को इस गांव में नहीं रखना चाहता है. वहीं, सरकार और प्रशासन के रैवये से लोगों में खासा नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस जानलेवा बीमारी को लेकर सरकार की ओर से इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. अस्पताल जाने पर डॉक्टर इन्हें दवा की पर्ची थमा देते हैं. इस चिलचिलाती धूप में ये अपने बीमार बच्चे को गोद में लिये इधर-उधर भटकते रहते हैं. सरकार की ओर से इन्हें ओआरएस भी नहीं दिया गया है. 

इस भयंकर बीमारी को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है. इनका कहना है कि अगर सरकार सही समय पर लोगों को जागरूक करती तो शायद इतने बच्चे काल के गाल में नहीं समाते. लोगों का कहना है कि चुनाव जैसे ही नजदीक आता है नेताओं को जनता याद आती है. मंत्री से लेकर विधायक तक सभी लोगों का दरवाजा खटखटाते हैं. लेकिन आज जब लोगों को मदद की जरूरत है तो सब मुंह छिपाये बैठे हैं. गांव के मुखिया भी इनका हालचाल पूछने नहीं आते.

हालात ये है कि गांवों में बुनियादी सुविधाओं का भी यहां घोर अभाव है. चापाकल सूखे पड़े हैं. लोग बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं. गांवों न तो अस्पताल की सुविधा है और न ही एंबुलेंस की. लोग हताश और परेशान हैं. ऐसे में लोगों की मांग है कि यहां एक मेडिकल टीम गठित की जाए और लोगों के बीच इंसेफेलाइटिस को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए. 

हालांकि, चमकी बुखार (एक्‍यूट इंसेफेलाइटिस सिन्‍ड्रोम/जापानी इंसेफेलाइटिस) के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री हर्षवर्धन राज्‍य सरकार को केंद्र की ओर से दी जा रही मदद की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. पिछले तीन दिनों से स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल के नेतृत्‍व में एक उच्‍च स्‍तरीय केंद्रीय दल मुजफ्फरपुर में स्‍थायी रूप से मौजूद है और वहां चिकित्‍सा सेवाओं की निगरानी कर रहा है.

प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों में वरिष्‍ठ डॉक्‍टर और प्रशासनिक अधिकारी सहित 16 नोडल अधिकारियों की भी तैनाती की गयी है. स्वास्थ्य सुविधाओं को और सशक्‍त बनाने तथा मरीजों को निजी तौर पर अस्पतालों में स्थानांतरित किये जाने की स्थिति में उनके लिए राज्य सरकार द्वारा एंबुलेन्स शुल्क की प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान भी किया गया है.

वहीं, चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत के बीच भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव भी एसकेएमसीएच अस्पताल पहुंचे. खेसारी लाल यादव जैसे ही बच्चों को देखने और उनके परिजनों से मिलने एसकेएमसीएच पहुंचे फैन्स की नजर उन पर जा पड़ी. खेसारी लाल यादव पर नजर पड़ते ही फैन्स की भीड़ जुट गई. सुरक्षा के मद्देनजर वहां मौजूद कर्मियों ने फिर से गेट को बंद कर दिया. इस दौरान अस्पताल में मीडियाकर्मियों की इंट्री पर भी रोक लगा दी गई, लेकिन भीड़ थी की मानने वाली नहीं थी. अभिनेता को बाहर निकालने के लिए एसपी को आना पड़ा.

Web Title: Bihar: 153 Children died of Encephalitis Chamki Fever, Govt unable to provide ORS

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