जदयू को एनडीए से अलग हुए 10 माह हुए, जदयू सांसद हरिवंश अभी तक राज्यसभा के उप सभापति पद पर विराजमान, भाजपा ने बढ़ा दी सीएम नीतीश की मुश्किल

By एस पी सिन्हा | Published: June 2, 2023 05:21 PM2023-06-02T17:21:46+5:302023-06-02T17:23:24+5:30

बिहारः नए संसद के उद्घाटन का नीतीश कुमार ने बहिष्कार किया है तो हरिवंश उनके रास्ते पर नही चले। उद्घाटन समारोह में भाग लेकर बकायदा भाषण भी दिया।

bihar 10 months since JDU separated NDA JDU MP Harivansh is still sitting post of Deputy Chairman of Rajya Sabha BJP increased difficulty of CM Nitish kumar | जदयू को एनडीए से अलग हुए 10 माह हुए, जदयू सांसद हरिवंश अभी तक राज्यसभा के उप सभापति पद पर विराजमान, भाजपा ने बढ़ा दी सीएम नीतीश की मुश्किल

जदयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश अभी तक राज्यसभा केउप सभापति बने हुए हैं।

Highlightsजदयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश अभी तक राज्यसभा केउप सभापति बने हुए हैं।वामदलों ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से भी पद छोड़ने को कहा था।सोमनाथ चटर्जी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।

पटनाः राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह के गतिविधियों के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चिंता बढ़ गई है। दरअसल जदयू को एनडीए से अलग हुए 10 महीने हो चुके हैं, बावजूद इसके जदयू से राज्यसभा सांसद हरिवंश अभी तक राज्यसभा केउप सभापति बने हुए हैं।

माना जा रहा था कि नीतीश के एनडीए से अलग होते ही हरिवंश नारायण सिंह भी उपसभापति के पद को बाय-बाय कह देते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद नए संसद के उद्घाटन का नीतीश कुमार ने बहिष्कार किया है तो हरिवंश भी उनके रास्ते पर नहीं चले। उन्होंने उद्घाटन समारोह में भाग लेकर बकायदा भाषण भी दिया।

ऐसे में हरिवंश का निर्णय संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान वर्ष 2008 में घटी एक घटना की भी याद दिला दी है। यूपीए-1 की सरकार में जब अमेरिका से परमाणु करार करने के मनमोहन सरकार के फैसले के विरोध में वामदलों ने मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लिया तो वामदलों ने तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से भी पद छोड़ने को कहा था।

लेकिन सोमनाथ चटर्जी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। इसके बाद वामपंथी दलों ने उन पर तमाम तरह के आरोप लगाये गये, जबकि सोमनाथ चटर्जी पूरे सदन की ओर से उनको दी गई जिम्मेदारियों का निवर्हन करते रहे। वे 2009 तक लोकसभा अध्यक्ष के पद पर बने रहे। अब हरिवंश भी उसी रास्ते पर हैं।

जदयू पहले ही कह चुकी है कि हरिवंश ने उद्घाटन समारोह में शामिल होकर 'अपने पद के लिए अपनी जमीर' बेच दी। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि 'जब संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय लिखा जा रहा था तो हरिवंश ने अपनी उपस्थिति से उस काले इतिहास के पहले पन्ने पर अपना हस्ताक्षर कर दिया है। यह बड़ी चिंता और चिंतन की बात है।

हालांकि जदयू के इन आरोपों पर अब तक हरिवंश की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में राजनीति के जानकारों का मानना है कि हरिवंश पर हमलावर होने का नीतीश की पार्टी का निर्णय लोकसभा चुनाव के पहले जदयू की परेशानी को बढ़ा सकता है। हरिवंश के बहाने ही अब भाजपा को एक ऐसा चहेरा मिल सकता है, जिसे आगे कर वह नीतीश की नीतियों और निर्णयों पर सवाल खडा कर सकती है। 

Web Title: bihar 10 months since JDU separated NDA JDU MP Harivansh is still sitting post of Deputy Chairman of Rajya Sabha BJP increased difficulty of CM Nitish kumar

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