बिहार में बड़ा सियासी बवाल, नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप को खारिज किया कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने, बताया भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला
By एस पी सिन्हा | Published: September 19, 2022 06:38 PM2022-09-19T18:38:57+5:302022-09-19T22:31:48+5:30
राजद कोटे से बने बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। सुधाकर सिंह जगदानंद सिंह के बेटे हैं।
पटना:बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपनी सरकार के कामकाज के साथ-साथ भ्रष्टाचार के बोलबाला का आरोप लगा चुके हैं। अब उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कृषि रोड मैप को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। 17 साल से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस कृषि रोड मैप को लेकर बिहार की कृषि विकास की तारीफ करते हुए नहीं थकते थे। उसे महज डेढ़ माह पहले बने बिहार के नये कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने सिरे से खारिज कर दिया है।
पटना में सोमवार को कृषि मंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में साफ कह दिया कि इस बार का कृषि मैप बिहार के अधिकारी नहीं बनाएंगे। उन्होंने इस दौरान यह भी साफ कर दिया कि अब तक जो कृषि रोड मैप बनाए गए थे, उसमें कई प्रकार की खामियां थी।
हालांकि सुधाकर सिंह ने नाम नहीं लिया, लेकिन एक तरह से उन्होंने यह बता दिया कि मुख्यमंत्री द्वारा अब तक जो कृषि रोड मैप बनाए गए थे, वो पूरी तरह के गलत और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले रहे हैं। सुधाकर सिंह ने कहा कि उनका नया चौथा कृषि रोड मैप बिहार के लिए ही नहीं देश के लिए रोल मॉडल होगा।
उन्होंने कहा कि किसानों को बेहतर खेती करने के लिए बेहतर नीति के माध्यम से काम होगा। पहले के दो कृषि रोड मैप सही से नहीं काम कर सके हैं, इसलिए खाद्यान्न का उत्पादन बिहार में कम हुआ है। यही कारण है कि इनकी जगह देश के लोकप्रिय कृषि विशेषज्ञों, पद्मश्री से सम्मानित जानकारों, कृषि वैज्ञानिकों तथा कृषि कारोबारी की सहायता ली जाएगी। क्योंकि यह अधिकारियों से बेहतर जानते हैं कि कृषि कार्य को कैसे बेहतर किया जा सकता है।
राज्य के कृषिमंत्री ने कहा कि इससे पहले यह सब नहीं होता था। इसलिए कृषि अधिकारियों में तब्दीली करना चाहता हूं और तब्दीली होगी तो और बेहतर कार्य होगा। उन्होंने कहा कि कृषि मंडी को हम फिर से वापस लाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि बिहार में कृषि मंडी शुरू की जाए, इसलिए मैंने विभागीय पत्र भी लिख दिया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में नीतीश कुमार 2005 में मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने जो एक प्रमुख कार्य किया था कि बिहार में कृषि मंडी का अंत कर दिया गया। नीतीश कुमार अब तक अपने इस फैसले को किसानों के हित में क्रांतिकारी फैसला बताते रहे हैं। लेकिन, बिहार के नए कृषि मंत्री अब कृषि मंडी को फिर से वापस लाने की वकालत कर रहे हैं।
सुधाकर सिंह ने बताया कि कृषि मंडी को हम फिर से वापस लाएंगे। इसके लिए कानून बनाने के लिए पत्र भी लिखा गया है। सुधाकर सिंह ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में मेरे नहीं रहने का कोई गलत मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह हर विभाग के कामकाज की समीक्षा कर सकते हैं। मुख्यमंत्री को जहां मेरी जरूरत है, मुझे वहां बुलाया जाता है, मैं वहां मौजूद रहता हूं।