'भारत का बड़ा फैन हूं, हमारी कोई रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं', भारत-चीन रिश्तों पर जयशंकर के बयान के बाद बोले शीर्ष चीनी राजनयिक
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 27, 2022 09:54 AM2022-10-27T09:54:22+5:302022-10-27T10:26:28+5:30
बांग्लादेश में चीन के शीर्ष राजनयिक ली जिमिंग ने कहा है कि भारत के साथ चीन की कोई 'रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता' नहीं है। ली जिमिंग ने साथ ही कहा कि चीन बंगाल की खाड़ी में भारी हथियारों का जमावड़ा नहीं देखना चाहता है।
ढाका: बांग्लादेश में चीन के शीर्ष राजनयिक ली जिमिंग ने कहा है कि वह व्यक्तिगत रूप से भारत के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और उन्हें लगता है कि भारत और चीन आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
चीनी राजनयिक ने साथ ही कहा कि भारत के साथ उनके देश की कोई 'रणनीतिक प्रतिद्वंद्विता' नहीं है और वह बंगाल की खाड़ी में "भारी हथियारों का जमावड़ा" नहीं देखना चाहता। ली ने यह भी कहा कि भारत और चीन इस क्षेत्र और उसके बाहर भी किसी आर्थिक, भू-राजनीतिक एवं अन्य मुद्दों के हल के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक: ली जिमिंग
राजदूत ली ने कहा, "हम भारत को कभी भी चीन के रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी या रणनीतिक प्रतिस्पर्धी के रूप में नहीं देखते हैं।" उन्होंने कहा, "निजी तौर पर, मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हम आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों के हल के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।"
ली ने कहा कि चीन "बंगाल की खाड़ी में भारी हथियारों का जमावड़ा नहीं देखना चाहता।" रूस-यूक्रेन संघर्ष के संदर्भ में, उन्होंने कहा कि चीन को दक्षिण एशिया के सभी हितधारकों से सकारात्मक भूमिका निभाने की उम्मीद है और चीन यह भी चाहता है कि वे उस तरह से काम नहीं करें, "जिस तरह से यूरोप में कुछ देश कर रहे हैं।"
उनकी यह टिप्पणी ऐसे दिन आई है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने नयी दिल्ली में निवर्तमान चीनी राजदूत सुन विडोंग से कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन और शांति दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों के लिये जरूरी हैं। पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दों को लेकर भारत और चीन के बीच 29 महीने से अधिक समय से गतिरोध चल रहा है।
समस्याओं का 'एशियाई तरीके' से समाधान करने की जरूरत
जून 2020 में गलवान घाटी में संघर्ष के बाद से दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। ली ने कहा कि चीन का मूल इरादा सभी क्षेत्रीय विवादों को "एशियाई तरीके" से हल करना है।
उन्होंने कहा, "हम (चीन) मानते हैं, हमें अपनी क्षेत्रीय समस्याओं का एशियाई तरीके से समाधान निकालना चाहिए, न कि यूरोप या दक्षिण अमेरिका के मानक चलन का अनुसरण कर।’’ उन्होंने कहा कि चीन क्षेत्र में विकास, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश के साथ मिलकर काम करने को इच्छुक है।