भूपेश बघेल को जमीनी लड़ाई ने पहुंचाया सत्ता के शिखर पर, ऐसा रहा है जिंदगी का सफरनामा
By आदित्य द्विवेदी | Published: December 16, 2018 02:12 PM2018-12-16T14:12:05+5:302018-12-16T14:12:05+5:30
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद जमीनी लड़ाई लड़ी। जिससे जनता और पार्टी आलाकमान के मन में उनके लिए विशेष जगह बनी।
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री होंगे। रविवार को रायपुर के राजीव भवन में विधायक दल की बैठक रखी गई और वहीं पर मुख्यमंत्री पद के लिए भूपेश बघेल के नाम का एलान किया गया। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मल्लिकार्जुन खड़गे, पीसीसी चीफ भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव ने विधायक दल की बैठक ली। इस बैठक में विधायक दल के नेता के रुप में भूपेश के नाम का प्रस्ताव पेश किया गया। विधायक दल ने सर्वसम्मति से भूपेश के नाम पर अपनी सहमति दे दी।
मुख्यमंत्री पद की रेस में भूपेश बघेल के अलावा टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत का नाम भी था। आसान नहीं थी भूपेश बघेल की राजनीतिक लड़ाई। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद जमीनी लड़ाई लड़ी। जिससे जनता और पार्टी आलाकमान के मन में उनके लिए विशेष जगह बनी। जानिए उनकी जिंदगी की सफरनामा.
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Celebrations are in order in Chhattisgarh as @Bhupesh_Baghel is appointed CM. We wish him the best as he forms a govt. of equality, transparency & integrity starting off with farm loan waiver for farmers as we promised. pic.twitter.com/7OqGcPi2eh
— Congress (@INCIndia) December 16, 2018
- भूपेश बघेल का जन्म 23 अगस्त 1961 को दुर्ग जिले के पाटन तहसील में हुआ था। को कुर्मी समाज से आते हैं।
- साल 1985 में उन्होंने यूथ कांग्रेस ज्वॉइन किया। 1993 में जब मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो पहली बार पाटन विधानसभा से वे विधायक चुने गए। इसके बाद अगला चुनाव भी वे पाटन से ही जीते, जिसमें उन्होने बीजेपी के निरुपमा चंद्राकर को हराया था।
- जब मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार बनी, तो भूपेश बघेल कैबिनेट मंत्री बने। साल 1990-94 तक जिला युवा कांग्रेस कमेटी दुर्ग (ग्रामीण) के वे अध्यक्ष रहे। 1994-95 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चुने गए। साल 1999 में मध्य प्रदेश सरकार में परिवहन मंत्री और साल 1993 से 2001 तक मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर की जिम्मेदारी भूपेश बघेल ने संभाली।
- साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य बना और कांग्रेस की सरकार बनी तब जोगी सरकार में वे कैबिनेट मंत्री रहे। 2003 में कांग्रेस जब सत्ता से बाहर हुई तो भूपेश को विपक्ष का उपनेता बनाया गया।
- साल 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में पाटन से उन्होंने जीत दर्ज की। 2008 में बीजेपी के विजय बघेल से भूपेश चुनाव हार गए। फिर साल 2013 में पाटन से उन्होने जीत दर्ज की। 2014 में उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया।
- कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मरणासन्न कांग्रेस में जान फूंकने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की। पूरे प्रदेश में दौरे किए और जमीनी मुद्दों पर लड़ाई लड़ी। इनमें राशन कार्ड में कटौती, किसानों की धान खरीदी, नसबंदी कांड का विरो जैसे मसले शामिल थे। सरकार को खुली चुनौती ने कांग्रेस की छवि बदलने में अहम भूमिका निभाई।