व्यापमं परीक्षा में फिर सामने आई गड़बड़ी, एक ही कॉलेज से 10 टॉपर, परीक्षा में सभी के अंक और गलतियां भी समान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 5, 2021 05:52 PM2021-03-05T17:52:10+5:302021-03-05T17:53:12+5:30
मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल) एक बार फिर संदेह के घेरे में है. व्यापमं ने फरवरी महीने में कृषि विकास अधिकारी पद के लिए परीक्षा ली थी.
भोपालः मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा 10-11 फरवरी को कृषि विस्तार अधिकारी और कृषि विकास अधिकारी पद के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा गड़बडि़यां सामने आई हैं.
मंडल ने 17 फरवरी को इस परीक्षा की आंसर शीट के साथ सफल उम्मीदवारों की संभावित लिस्ट भी जारी की थी. जब परिणाम आया तो पता चला कि मेरिट सूची में शीर्ष 10 स्थान हासिल करने वाले सभी अभ्यर्थी एक ही कॉलेज से हैं. जानकारी के अनुसार यह सभी टॉप 10 उम्मीदवार ग्वालियर के राजकीय कृषि कॉलेज के हैं.
सभी ने इस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की है. इन्हें परीक्षा में एक जैसे प्राप्तांक मिले हैं और सभी ने परीक्षा में गलतियां भी एक जैसी ही की हैं. इन समानताओं के कारण व्यापमं की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होने का संदेह गहरा गया है. इतना ही नहीं इनमें से नौ उम्मीदवार एक ही जाति के हैं. इसे लेकर परीक्षा में शामिल हुए अन्य उम्मीदवारों ने घोटाले का आरोप लगाया है.
दूसरे अभ्यर्थियों ने सरकार से इस गड़बड़ी की जांच कराने और इससे पहले इस परीक्षा को निरस्त करने की मांग की है. वहीं, दूसरे व्यापमं घोटाले की आशंका के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं.
सामान्य ज्ञान की परीक्षा में मिले समान अंक: बताया जाता है कि सामान्य ज्ञान के पेपर में इन सभी 10 उम्मीदवारों को एक जैसे अंक मिले हैं. जबकि इन टॉपर्स का एजुकेशनल बैकग्राउंड भी टॉपर जैसा नहीं है. एक टॉपर उम्मीदवार को गणति में पूरे में से पूरे नंबर मिले हैं, जबकि बीएससी की परीक्षा के दौरान वह सांख्यिकी विषय में चार बार फेल हो चुका है.
उसने डिग्री आठ साल में पूरी की थी. यही नहीं, इन सभी ने जिन सवालों के गलत उत्तर दिए हैं, वे भी एक जैसे हैं. इस बार टॉप 10 में शामिल उम्मीदवारों को 200 में 195 और 194 अंक मिले हैं, इस परीक्षा के इतिहास में इतने नंबर किसी को नहीं मिले.
ब्लैकलिस्टेड कंपनी एनएसईआईटी ने कराई थी परीक्षा: जानकारी के अनुसार व्यापमं ने इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी एनएसईआईटी कंपनी को दी थी. यह कंपनी पहले भी धांधली के आरोपों से घिरी रही है. 2017 में उत्तर प्रदेश की सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियों के चलते एनएसईआईटी को ब्लैकलिस्ट किया गया था.