भोपाल गैस त्रासदी: मोदी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगी 11 फरवरी को सुनवाई

By भाषा | Published: January 29, 2020 01:50 PM2020-01-29T13:50:19+5:302020-01-29T13:50:19+5:30

Bhopal gas tragedy: यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन के भोपाल स्थित संयंत्र से दो-तीन दिसंबर, 1984 को एमआईसी गैस के रिसाव के कारण हुयी त्रासदी में तीन हजार से अधिक लोग मारे गये थे और 1.02 लाख लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुये थे।

Bhopal gas tragedy: Supreme Court to hear Centre's plea for additional funds on Feb 11 | भोपाल गैस त्रासदी: मोदी सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट करेगी 11 फरवरी को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दिलाने का अनुरोध करने वाली केंद्र की याचिका पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय में न्यायधीशों की अलग पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी।

पांच सदस्यीय पीठ का हिस्सा रहे न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट ने मंगलवार को यह कहते हुए इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया कि पहले वह इस मामले में भारत सरकार की ओर से पेश हुए थे जब सरकार ने पुनर्विचार का अनुरोध किया था। 

सुनवाई शुरू होने पर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, ‘‘हम 11 फरवरी को इस पर सुनवाई करेंगे। यह सुनवाई अन्य न्यायाधीश करेंगे। ’’ केन्द्र चाहता है कि गैस त्रासदी से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिये पहले निर्धारित की गयी 47 करोड़ अमेरिकी डालर की राशि के अलावा यूनियन कार्बाइड और दूसरी फर्मो को 7,844 करोड़ रूपए अतिरिक्त देने का निर्देश दिया जाये। 

यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन के भोपाल स्थित संयंत्र से दो-तीन दिसंबर, 1984 को एमआईसी गैस के रिसाव के कारण हुयी त्रासदी में तीन हजार से अधिक लोग मारे गये थे और 1.02 लाख लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुये थे। यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन ने इस त्रासदी के लिये मुआवजे के रूप में 47 करोड़ अमेरिकी डालर दिये थे। 

इस गैस त्रासदी से पीड़ित व्यक्ति पर्याप्त मुआवजा और इस जहरीली गैस के कारण हुयी बीमारियों के समुचित इलाज के लिये लगातार संघर्ष कर रहे हैं। केन्द्र ने दिसंबर, 2010 में मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिये शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की थी। भोपाल की एक अदालत ने सात जून, 2010 को यूनियन कार्बाइड इंडिया लि. के सात अधिकारियों को इस हादसे के संबंध में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। 

इस मामले में यूसीसी का अध्यक्ष वारेन एण्डरसन मुख्य आरोपी था लेकिन वह मुकदमे की सुनवाई के लिये कभी भी पेश नहीं हुआ। भोपाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक फरवरी, 1992 को उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। भोपाल की अदालत ने एण्डरसन की गिरफ्तारी के लिये 1992 और 2009 में गैर जमानती वारंट जारी किये थे। एण्डरसन की सितंबर, 2014 में मृत्यु हो गयी थी। 

Web Title: Bhopal gas tragedy: Supreme Court to hear Centre's plea for additional funds on Feb 11

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