भोपाल गैस त्रासदी: अतिरिक्त धनराशि की केन्द्र की याचिका पर SC आज करेगा सुनवाई

By भाषा | Published: January 29, 2020 07:07 AM2020-01-29T07:07:49+5:302020-01-29T07:07:49+5:30

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने न्यायमूर्ति भट के अलग होने के बाद इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिये स्थगित कर दी और कहा कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे अब इस मामले की सुनवाई के लिये पीठ के गठन पर विचार करेंगे।

Bhopal gas tragedy: SC to hear today on Center's plea for additional funds | भोपाल गैस त्रासदी: अतिरिक्त धनराशि की केन्द्र की याचिका पर SC आज करेगा सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट की इमारत। (फाइल फोटो)

उच्चतम न्यायालय ने भोपाल गैस पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन की उत्तराधिकारी कंपनियों से 7,844 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दिलाने के मामले में न्यायाधीश एस रवीन्द्र भट के अलग होने की पेशकश किये जाने के बाद इसकी सुनवाई मंगलवार को स्थगित कर दी।

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने न्यायमूर्ति भट के अलग होने के बाद इस मामले की सुनवाई बुधवार के लिये स्थगित कर दी और कहा कि प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे अब इस मामले की सुनवाई के लिये पीठ के गठन पर विचार करेंगे।

इस मामले की सुनवाई के लिये पीठ के बैठते ही न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि न्यायमूर्ति भट को इसकी सुनवाई में शामिल होने में कुछ कठिनाई है। इस पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति एम आर शाह भी शामिल हैं।

न्यायमूर्ति भट ने इस मामले में पीठ का हिस्सा बनने में असमर्थता व्यक्त की और कहा, ‘‘मैं इस मामले में भारत सरकार की ओर से पेश हुआ था जब सरकार ने पुनर्विचार का अनुरोध किया था।

पीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले पर आज विचार नहीं करेंगे। हम प्रधान न्यायाधीश के आदेश का इंतजार करेंगे।’’ इस मामले में पेश हुए वकील ने कहा कि अगर न्यायमूर्ति भट पीठ का हिस्सा होंगे तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। हालांकि उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई बुधवार की कार्यसूची के मुताबिक यह मामला कल उसी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिये सूचीबद्ध है।

केन्द्र चाहता है कि गैस त्रासदी से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने के लिये पहले निर्धारित की गयी 47 करोड़ अमेरिकी डालर की राशि के अलावा यूनियन कार्बाइड और दूसरी फर्मों को 7,844 करोड़ रुपये का अतिरिक्त धन देने का निर्देश दिया जाये।

यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन के भोपाल स्थित संयंत्र से दो-तीन दिसंबर, 1984 को एमआईसी गैस के रिसाव के कारण हुयी त्रासदी में तीन हजार से अधिक लोग मारे गये थे और 1.02 लाख लोग इससे बुरी तरह प्रभावित हुये थे।

यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन, जिसका स्वामित्व अब डाउ केमिकल्स के पास है, ने इस त्रासदी के लिये मुआवजे के रूप में 47 करोड़ अमेरिकी डालर दिये थे। इस गैस त्रासदी से पीड़ित व्यक्ति पर्याप्त मुआवजा और इस जहरीली गैस के कारण हुयी बीमारियों के समुचित इलाज के लिये लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

केन्द्र ने दिसंबर, 2010 में मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिये शीर्ष अदालत में सुधारात्मक याचिका दायर की थी। संविधान पीठ को यूनियन कार्बाइड और दूसरी फर्मो से 1989 में हुये 47 करोड़ अमेरिकी डालर के समाधान के अतिरिक्त 7,844 करोड़ रुपये दिलाने के लिये केन्द्र की सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई करनी थीं।

भोपाल की एक अदालत ने सात जून, 2010 को यूनियन कार्बाइड इंडिया लि. के सात अधिकारियों को इस हादसे के संबंध में दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। इस मामले में यूसीसी का अध्यक्ष वारेन एण्डरसन मुख्य आरोपी था लेकिन वह मुकदमे की सुनवाई के लिये कभी भी पेश नहीं हुआ। भोपाल के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक फरवरी, 1992 को उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। भोपाल की अदालत ने एण्डरसन की गिरफ्तारी के लिये 1992 और 2009 में गैर जमानती वारंट जारी किये थे। एण्डरसन की सितंबर, 2014 में मृत्यु हो गयी। 

Web Title: Bhopal gas tragedy: SC to hear today on Center's plea for additional funds

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे