एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान बोले-सफाई कर्मचारियों को पहली वैक्सीन, संजीवनी बूटी से कम नहीं
By शिवअनुराग पटैरया | Published: January 14, 2021 08:10 PM2021-01-14T20:10:00+5:302021-01-14T20:11:15+5:30
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण अभियान की तैयारियों को लेकर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों को भी निर्देश दिए.
भोपालः मध्य प्रदेश में कोरोना की पहली वैक्सीन किसी स्वास्थ्य कर्मचारी को लगाई जा सकती है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कोरोना वैक्सीन के संबंध में राज्य भर के कलेक्टरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद करते हुए इस बात के संकेत दिए कि 16 जनवरी को पहली वैक्सीन किसे लगाई जा सकती है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन आ गई है जो किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है.
नागरिकों को क्रमानुसार इसका लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अब हमें कोरोना महामारी का पूरी तरह समापन करना है. टीकाकरण के प्रथम चरण में करीब सवा चार लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को टीका लगाया जाएगा जिन्होंने हम सभी की जिन्दगीबचाने का कार्य किया है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं.
मुख्यमंत्री चौहान ने आव्हान किया कि जिलों के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया इसके बारे में किसी भ्रामक जानकारी या अफवाहों को न पनपने दें और इस महाभियान को सभी मिलकर सफल बनाने में सहयोग दें.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 16 जनवरी को पहला टीका किसी सफाई कर्मचारी को लगाने का प्रयास है. यह सफाई कर्मियों की सेवाओं का सम्मान भी होगा जो कोरोना के संकटकाल में उन्होंने प्रदान की हैं. मुख्यमंत्री चौहान एनएचएम भवन के उद्घाटन के पश्चात कोविड-19 टीकाकरण के संबंध में कलेक्टरों और कमिश्नरों के साथ चर्चा कर रहे थे.
दूरदर्शी प्रधानमंत्री मोदी बधाई के पात्र हैं, संकट को पहचाना, व्यवस्थाएं कीं: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगाने का कार्य 16 जनवरी को सुबह 9 बजे से प्रारंभ होगा. यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देता हूँ. वे दूरदर्शी हैं.
उन्होंने पहले ही संकट को पहचान लिया था. प्रधानमंत्री ने तो कोरोना आते ही टास्क फोर्स बना दिया था. उन्होंने सभी व्यवस्थाएं कीं और लोगों को वायरस से बचाने का कार्य किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि समय रहते लॉकडाउन हो जाने से आवश्यक व्यवस्थाएं करने का समय भी मिला. प्रधानमंत्री के आह्वान पर सभी एकजुट हुए. मध्यप्रदेश में आउट आॅफ कंट्रोल नहीं होने दिया गया. कोरोना से नागरिकों के बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए.
महाभियान के विभिन्न चरण: मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 16 जनवरी से प्रारंभ हो रहे अभियान के लिए जिलों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. केन्द्र सरकार द्वारा वैक्सीन की सेफ्टी की पुष्टि की गई है. प्रत्येक नागरिक को दो डोज लगेंगे. पहला डोज लगने के पश्चात इसे 28 दिन के पश्चात पुन: लगाया जाएगा.
इसके 14 दिन पश्चात मानव शरीर में एंटी बॉडी का निर्माण होगा. टीका लगने के बाद तत्काल प्रभाव नहीं होता है. प्रदेश में जिलावार वैक्सीन का आवंटन किया गया है. शिकायत और सुझाव प्राप्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं हैं. शासकीय अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों को भी वैक्सीन लगाने के लिए चिन्हित किया गया है.
जिन्होंने संकट के समय सेवा की, उन्हें सबसे पहले लगेगी वैक्सीन: मुख्यमंत्री ने कोविड-19 से बचाव के लिए प्रारंभ हो रहे टीकाकरण महाभियान के संबंध में समस्त कलेक्टर-कमिश्नर के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा चर्चा की. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन सभी वारियर्स को प्रणाम किया, जिन्होंने संकट के समय दूसरों की जान बचाने का कार्य किया और सेवा में संलग्न रहे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकरण का प्रोटोकॉल तय किया गया है. वैक्सीन उन्हें ही पहले लगेगी जिनका क्रम है. इनमें फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिस कर्मी, राजस्व अमला भी शामिल है और उनका सबसे पहले सुरक्षित होना जरूरी भी है. टीकाकरण के लिए पंजीयन जिस क्रम में हुआ, टीके भी उसी क्रम में लगेंगे. इस महाभियान में पहले किसी को टीका लगाने के लिए सिफारिश करने के कार्य भी नहीं होंगे.