भारत जोड़ो यात्राः सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ली मुलायम सिंह की लाइन, कांग्रेस की यात्रा से बनाई दूरी!
By राजेंद्र कुमार | Published: December 29, 2022 06:04 PM2022-12-29T18:04:36+5:302022-12-29T18:06:00+5:30
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' का निमंत्रण नहीं मिला है और उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों एक ही हैं.
लखनऊः समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की खिलाफत करते हुए समाजवादी पार्टी का गठन किया था. वह कभी भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं रहे. ना ही वह कभी कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए.
यही नहीं अखिलेश यादव ने जब कांग्रेस के साथ गठबंधन कर वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ा तो सबसे पहले मुलायम सिंह यादव ने ही अखिलेश के फैसले का विरोध किया था और कहा था कि कांग्रेस के मजबूत होने पर सपा को इसका नुकसान होगा. अब अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव की इस कथन का ध्यान रखते हुए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा से दूर रहने का एलान कर दिया है.
Uttar Pradesh | We have not received any invitation (for Bharat Jodo Yatra). The ideology of our party is different. BJP and Congress both are same: Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav, in Lucknow pic.twitter.com/qPMxdtaF5x
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 29, 2022
गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होंगे. यही नहीं अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि भाजपा और कांग्रेस को एक जैसा हैं. अखिलेश यादव का यह कथन मुलायम सिंह यादव से प्रेरित है.
उन्होंने ही अखिलेश को कांग्रेस और भाजपा से क्यों दूरी बनाए रखनी है? और इससे सपा को क्या लाभ है? यह बताया था. मुलायम सिंह ने कांग्रेस और भाजपा का विरोध करके ही यूपी में सपा को एक ताकत बनाया. और अखिलेश को समझाया कि अगर कांग्रेस का साथ देकर उसे मजबूत किया तो उसका नुकसान सपा को होगा.
मुलायम सिंह यादव की इस नसीहत के चलते ही अखिलेश ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी की अलग विचारधारा है, और भाजपा तथा कांग्रेस एक ही है. अखिलेश के इस कथन के बाद उनके कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल न होने की चर्चा खत्म हो गई. वही दूसरी तरफ यूपी में अब विपक्षी एकता की संभावना भी कमजोर होती दिखने लगी है.
अखिलेश यादव ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि उनको राहुल की यात्रा के लिए निमंत्रण ही नहीं मिला है और न ही वह इसमें शामिल होंगे. जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता ने तीन दिन पहले यह बताया था कि यूपी में 3 जनवरी से शुरू होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता न सिर्फ अखिलेश यादव बल्कि बीएसपी प्रमुख मायावती और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को भेजा गया है. अखिलेश ने निमंत्रण मिलने से साफ इनकार कर दिया है.
बसपा मुखिया मायावती की तरफ से अभी तक यात्रा में शामिल होने या ना होने को लेकर कोई ऐलान नहीं किया गया है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 3 जनवरी को उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर रही है. लोनी से शुरू होकर यह यात्रा राज्य के अलग-अलग शहरों से होकर गुजरेगी. यूपी में कांग्रेस की यात्रा को सफल बनाने के लिए पार्टी ने विपक्षी नेताओं को शामिल होने का न्योता देने का दावा किया है.