Bharat Jodo Yatra: 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव, राहुल को कुछ लाभ जरूर, कांग्रेस को नहीं, मनोज दीक्षित ने पांच सवाल पर दिए ये जवाब

By भाषा | Published: January 8, 2023 02:18 PM2023-01-08T14:18:24+5:302023-01-08T14:20:43+5:30

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वॉकओवर जैसा नहीं है। कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) इस बार कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं।

Bharat Jodo Yatra Rahul Gandhi definitely benefits but Congress also does not think so Assembly elections in nine states in 2023 manoj Dixit gave answers five questions | Bharat Jodo Yatra: 2023 में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव, राहुल को कुछ लाभ जरूर, कांग्रेस को नहीं, मनोज दीक्षित ने पांच सवाल पर दिए ये जवाब

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कोई चुनौती दिखाई नहीं पड़ती है। (file photo)

Highlightsराजस्थान में भाजपा अवश्य आएगी ऐसा लग रहा है। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। भाजपा को वहां की सत्ता में आने में समय लगेगा।

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विभिन्न सांगठनिक कार्यक्रमों के जरिए अपनी कमजोर कड़ियों को दुरुस्त करना शुरू कर दिया है तो वहीं कांग्रेस अपने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए खुद को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही है।

देश की राजनीति का यह दौर आगे जाकर क्या रुख लेगा, इसके बारे में लखनऊ विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग के प्रमुख और ‘इंडियन पॉलिटिकल साइंस एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज दीक्षित से भाषा के पांच सवाल और उनके जवाब:

सवाल: अगले साल कुल नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं और फिर लोकसभा चुनाव। आप क्या परिदृश्य देखते हैं?

जवाब: जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, वहां अलग-अलग मुद्दे और परिस्थितियां हैं। इन पर चुनावी नतीजे तय होंगे। उदाहरण के तौर पर कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वॉकओवर जैसा नहीं है। कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) इस बार कड़ी टक्कर देने की स्थिति में हैं।

राजस्थान में भाजपा अवश्य आएगी ऐसा लग रहा है। एक तो राजस्थान की अपनी परंपरा हर चुनाव में सरकार बदलने की है और दूसरा कांग्रेस की अदरूनी लड़ाई। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। भाजपा को वहां की सत्ता में आने में समय लगेगा। पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा अच्छी स्थिति में रहेगी। वैसे भी उसने वहां काफी ताकत झोंक रखी है। रही बात राष्ट्रीय राजनीति की तो आज की तारीख में तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कोई चुनौती दिखाई नहीं पड़ती है। आगे चलकर कोई उभर जाए तो कह नहीं सकता।

सवाल: राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकाल रही है। आप इसका क्या असर देखते हैं?

जवाब: यात्रा करने के अपने अनुभव और लाभ होते हैं। इस यात्रा से राहुल गांधी को कुछ लाभ जरूर होगा। आप देश को अपनी आंखों से पैदल चलकर दख रहे हैं तो एक अनुभव होता है। इसमें एक आध्यात्मिक भाव भी आता है। लेकिन यह निजी फायदा है। कांग्रेस को इसका कोई राजनीतिक फायदा होगा या वह अगले चुनाव में जीतने की स्थिति में आ जाएगी, ऐसा कुछ नहीं दिख रहा।

यात्रा के दौरान राहुल गांधी के विरोधाभासी बयान भी आए हैं। जैसे, उन्होंने कहा कि उन्हें कहीं कोई नफरत नहीं दिखी। जब नफरत है ही नहीं तो फिर इस यात्रा का उद्देश्य क्या है, यह समझ से परे हो जाता है। केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक में यात्रा को अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।

इन राज्यों से निकलने के बाद कांग्रेस को राजनीतिक कार्यक्रम करने थे लेकिन ऐसी कोई योजना नहीं है उनके पास। कुछ महीने बाद क्या होगा कि लोग भूल जाएंगे इस यात्रा को। धीरे-धीरे उसका असर कम होता जाएगा। एक मजबूत विकल्प देने के लिए कांग्रेस को एक धारणा (नैरेटिव) बनानी थी अपनी इस यात्रा के जरिए। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ दिखा नहीं है।

सवाल: देश की राजनीति में जब भी यात्रा निकली है, इसका लाभ उस राजनीतिक दल को मिला है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तारीफ की है?

जवाब: आडवाणी जी (लालकृष्ण आडवाणी) की यात्रा राम मंदिर के लिए थी, वह बन रहा है। इसके बाद भाजपा ने एकता यात्रा निकाली और लाल चौक पर तिरंगा फहराया। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने 'भारत यात्रा' निकाली और बिखरती जनता पार्टी में नया जोश भरा था। कर्नाटक में उमा भारती ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। यात्राओं का एक उद्देश्य होना चाहिए लेकिन राहुल गांधी की यात्रा उद्देश्यविहीन दिख रही है। रही बात संघ द्वारा यात्रा की तारीफ किए जाने की तो यह अच्छी बात है।

सवाल: अगर सभी प्रमुख विपक्षी दल किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत एकजुट होते हैं तो अगली लोकसभा का क्या परिदृश्य हो सकता है?

जवाब: यह काल्पनिक है। सभी मिलकर चुनाव पूर्व गठबंधन बना लें तो यही बहुत बड़ा चमत्कार होगा। कांग्रेस के साथ मिलकर कोई एक व्यापक गठबंधन बने, ऐसा होता दिख नहीं रहा है। अगर ऐसा कुछ होता भी है तो वह कितना जल्दी होता है, इस पर निर्भर करता है।

यह काम अभी कर लें और उस बैनर के अंतर्गत काम करें तो कुछ मामला बनता है। लेकिन चुनाव से पहले बने तो मतदाता और भ्रमित होगा। दूसरी बड़ी बात है कि ऊपरी स्तर पर भले गठबंधन हो जाए लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा नहीं होता है। उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा उदाहरण है।

सवाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2024 से पहले राम मंदिर बन जाने की बात कही है। क्या यह उत्तर प्रदेश की राजनीति को ध्यान में रखकर दिया गया वक्तव्य है?

जवाब: चुनावी वैतरणी पार करने के लिए राम मंदिर तो महत्वपूर्ण है ही। कम से कम उत्तर प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर बहुत महत्वपूर्ण है। राम मंदिर बन रहा है तो निश्चित तौर पर इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा अभी मजबूत इसलिए है क्योंकि उसके सामने दूसरी कोई मजबूत ताकत नहीं दिख रही है। विपक्ष में विभाजन साफ तौर पर यहां पर दिखता है। समाजवादी पार्टी में ताकत है, बहुजन समाज पार्टी खत्म है और कांग्रेस कांग्रेस कुल मिलाकर लोकसभा की दो ही सीट पर लड़ाई में दिखती है। सभी ने गठबंधन करके भी देख लिया है।

Web Title: Bharat Jodo Yatra Rahul Gandhi definitely benefits but Congress also does not think so Assembly elections in nine states in 2023 manoj Dixit gave answers five questions

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