बिहार में हिंसक हुए भारत बंद के समर्थक, HC के जज को अंदर जाने से रोका, सरकारी संपत्ति की भारी क्षति
By एस पी सिन्हा | Published: September 10, 2018 07:10 PM2018-09-10T19:10:35+5:302018-09-10T19:12:05+5:30
जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में पटना की सडकों पर उतरे। इस दौरान जाप के कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाते हुए गाडियों को निशाना बनाया।
पटना,10 सितंबर:बिहार में भारत बंद का व्यापक असर आज सुबह से ही देखने को मिला। राजधानी पटना में चाक चौबंद तैयारी के बावजूद बंद का समर्थन कर रहे राजद और पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी (जाप) के कार्यकर्ताओं ने राजधानी में जम कर उत्पात मचाया। इस बीच बिहार पुलिस असहाय नजर आई। पटना में हाईकोर्ट के सामने तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बीच हाईकोर्ट के जज को अंदर जाने से रोका गया। यहां समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जज की गाड़ी के सामने हंगामा किया।
जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में पटना की सडकों पर उतरे। इस दौरान जाप के कार्यकर्ताओं ने उत्पात मचाते हुए गाडियों को निशाना बनाया। पटना के राजेंद्र नगर इलाके में पप्पू यादव के समर्थकों ने गाडियों पर पत्थर और लाठियां बरसाई जिससे कई गाड़ियों के शीशे टूट गये। पटना में हुडदंगियों ने एनएमसीएच के डॉक्टरों की गाडी को भी निशाना बनाते हुए तोडफोड की। बंद को लेकर सभी अहम हाईवे और पुलों पर यातायात ठप्प रहा। ट्रेन ट्रैफिक पर भी इसका बुरा असर पडा है।
बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) भी बंद का समर्थन किया। वहीं, विपक्ष के भारत बंद ने बिहार के जहानाबाद में एक दो साल की मासूम बच्ची की जान ले ली। बच्ची की तबीयत बिगडने के बाद इसके माता-पिता बेलागंज से जहानाबाद सदर अस्पताल जा रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ी भीषण सड़क जाम में फंस गई। बंद समर्थक किसी वाहन को आगे नहीं बढने दे रहे थे। इसी दौरान बच्ची की मौत हो गई। राज्य के सभी जिलों में बंद का व्यापक असर देखा गया। राज्य के सारे स्कूल बंद कर दिए गए थे। इससे पहले छह सितंबर को सवर्ण सेना ने एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था।
बंद समर्थकों ने सडकों पर खुलेआम उत्पात मचाया और सडक पर आने-जानेवाले आम लोगों के साथ कहीं मारपीट की तो कहीं उनकी गाडियों का पीछा कर उन्हें दौडाया। कार्यकर्ताओं ने आमलोगों की गाडियों को भी नुकसान पहुंचाया। आमलोगों की गाडियों को तोडफोड करते हुए न सिर्फ नुकसान पहुंचाया, आमलोगों के साथ मारपीट भी की गई। पैदल जा रहे युवक की भी पिटाई की गई।
उग्र बंद समर्थकों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस भी मौके पर नजर नहीं आई। राजधानी की सडकों पर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं का आतंक खूब रहा। कई निजी वाहनों को उन्होंने क्षत्रिग्रस्त कर दिया। बन्द को सफल बनाने के लिए तमाम मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेता और कार्यकर्ता सडकों पर उतरे। दोपहर बारह बजे के बाद सडक पर उतरे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च किया। इससे पहले उन्होंने ट्वीट कर केंद्र की एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा।
तेजस्वी ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर तंज कसा और कहा कि तेल न मिठाई, चूल्हे धरी कडाही। वहीं, तेजस्वी ने बिना नाम लिए पप्पू यादव पर भी जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा फंड से नकारात्मक राजनीति करने और नारी सम्मान के नाम पर महिला अधिकारियों को प्रताडित करने वाले कुछ एजेंट जो नेता कम अभिनेता ज्यादा है बिना बुलाए बंद में शामिल होकर भाजपा के इशारों पर सरकारी संपति की तोड़फोड़ कर बिहार को बदनाम कर रहे है ताकि भाजपा से और ज्यादा फंड मिले।
ट्वीट कर तेजस्वी ने मोदी पर कसा तंज
तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा है कि पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों पर मोदी जी कहते थे। मैं यह कर दूँगा, वो कर दूँगा, आकाश को धरती पर ला दूँगा। क्या हुआ मोदी जी? आप तो तेल की कीमतों को ही आकाश पर ले गए। अब कह रहे है 2022 तक कर दूँगा। मैं तो कहता हूँ मोदी जी, “तेल न मिठाई, चूल्हे धरी कडाही।” तेजस्वी ने आगे अपने ट्वीट में लिखा है "जो लोग कहते थे ‘मोदी जी आएँगे, विकास लाएँगे’ वो अब कहाँ है?? तेल देखो तेल की क़ीमतों की धार देखो। गरीबों की छाती पर, अमीरों का विकास देखों।" फिर उन्होंने लिखा है "मैं तो कहता हूं मोदी जी, “तेल न मिठाई, चूल्हे धरी कडाही।” जो लोग कहते थे ‘मोदी जी आएँगे, विकास लाएँगे’ वो अब कहाँ है?
भारत बंद के दौरान दो साल की मासूम बच्ची की मौत
भारत बंद के दौरान सडक जाम के कारण जहानाबाद सदर अस्पताल पहुंचने से पहले ही दो साल की मासूम बच्ची बेबी कुमारी की मौत हो गई। बेबी गया जिले के मखदुमपुर के बालाबिघा गांव निवासी प्रमोद मांझी दस्त से पीडित थी। सोमवार सुबह तबीयत बिगडने पर उसके पिता प्रमोद मांझी बेबी को लेकर जहानाबाद के लिए निकले थे। लेकिन जगह-जगह जाम मिलने के कारण देर हो गई और अस्पताल पहुंचने से ठीक पहले बच्ची की मौत हो गई।
प्रमोद मांझी ने कहा कि अगर भारत बंद के कारण कहीं भी सड़क जाम नहीं मिलता तो समय रहते अस्पताल पहुंचने पर बेबी ठीक हो सकती थी। उन्होंने कहा कि आम दिनों में बालाबिगहा से जहानाबाद जाने में घंटा भर लगता है। आज मुझे तीन घंटे लग गए। मैं होरिलगंज ही पहुंच पाया था जो जहानाबाद शहर से ठीक पहले है। वहीं मेरी बेटी ने आखिरी सांस ली।"
जहानाबाद राष्ट्रीय जनता दल और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) का गढ माना जाता है। स्थानीय लोगों के मुताबिक राजद समर्थकों ने सुबह से ही जगह-जगह जाम लगा दिया था। हालांकि इस घटना पर नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। प्रमोद मांझी ने बताया कि उसकी बेटी को डायरिया हुआ था, जिसके कारण शरीर में पानी की कमी हो गई थी। उसने दावा किया कि जल्दी अस्पताल पहुंचने पर अगर पानी चढ जाता तो बच्ची की जान बच सकती थी। घटना के संबंध में जहानाबाद के एसडीओ परितोष कुमार ने बताया कि बच्ची के परिजन अपने घर से ही देरी से चले थे, इस कारण बच्ची की मौत हो गई। बच्ची की मौत बंद या यातायात से संबंधित नहीं है।