भारत बंद: SC/ST Act और दलित आंदोलन के मुद्दे पर लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कही ये बातें
By कोमल बड़ोदेकर | Published: April 3, 2018 12:32 PM2018-04-03T12:32:46+5:302018-04-03T12:43:08+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
नई दिल्ली, 3 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट के एस-एसटी एक्ट के फैसले के विरोध में दलित सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा, आगजनी की घटनाओं और प्रदर्शन के चलते 12 लोगों के मारे जाने की खबर है जबकि कई अन्य घायल है। हिंसा का सबसे ज्यादा असर मध्य प्रदेश में देखने को मिला है, जहां कुल 6 मौते हुईं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार की रिव्यू पिटीशन पर जहां सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है वहीं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। वहीं सिंह के भाषण के दौरान सदन में विपक्ष ने जमकर हूटिंग की और 'हमे न्याय चाहिए' के नारे लगाए।
Slogans of 'we want justice' raised in Lok Sabha as Home Minister Rajnath Singh makes statement on incidents of violence during protests on SC/ST Act issue yesterday. pic.twitter.com/0q0IHjPkf8
— ANI (@ANI) April 3, 2018
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने एससी/एसटी एक्ट को कमजोर करने की कोई कोशिश नहीं की है। उन्होंने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
उन्होंने भारत बंद के दौरान हुई हिंसा की जानकारी देते हुए कहा कि, सरकार दलितों के लिए प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश में हिंसा के दौरान अब तक 6 लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में 1 और राजस्थान में 1 मौत हुई कुछ लोग अफवाह उड़ाने का काम कर रहे है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के एससी एसटी एक्ट के फैसले के मामले में पुनर्विचार याचिका पहले ही दाखिल कर दी है। जिसे मंजूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट 2 बजे सुनवाई करेगा। हमारी सरकार ने इस एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया है।
उन्होंने कहा, राज्यों में आंदोलन के बाद हुई हिंसा के बाद शांति को बहाल किया जा सके, इसके लिए राज्य सरकार तत्पर है। केंद्र सरकार ने शांति के लिए राज्य सरकार की हर तरह की मदद की है। आरक्षण पर फैलाई जा रही अफवाहें बेबुनियाद है। सरकार की तत्परता पर संदेह की गुंजाइश का कोई सवाल नहीं है।