सरकारी नीतियों के खिलाफ 8 और 9 जनवरी को भारत बंद का ऐलान, जानें विरोध की वजह?

By पल्लवी कुमारी | Published: January 8, 2019 01:25 AM2019-01-08T01:25:23+5:302019-01-08T01:25:23+5:30

Bharat Bandh on 8th and 9th January 2019 : इस हड़ताल में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ इसमें भाग नहीं ले रहा है।

Bharat Bandh on 8th and 9th January 2019 Central Trade Unions: Who is supporting the strike | सरकारी नीतियों के खिलाफ 8 और 9 जनवरी को भारत बंद का ऐलान, जानें विरोध की वजह?

सरकारी नीतियों के खिलाफ 8 और 9 जनवरी को भारत बंद का ऐलान, जानें विरोध की वजह?

सरकार के एक तरफा श्रम सुधार और श्रमिक-विरोधी नीतियों के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संघों ने मंगलवार से दो दिन की देशव्यापी हड़ताल का आहवान किया है। संघों ने एक संयुक्त बयान में सोमवार को जानकारी दी कि करीब 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे।

एटक की महासचिव अमरजीत कौर ने यहां 10 केंद्रीय श्रमिक संघों की एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा, ‘‘कल से शुरू हो रही दो दिन की हड़ताल के लिए 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने हाथ मिलाया है। हमें इस हड़ताल में 20 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा नीत सरकार की जनविरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल में सबसे ज्यादा संख्या में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे।’’ 

उन्होंने कहा कि दूरसंचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, कोयला, इस्पात, बिजली, बैंकिंग, बीमा और परिवहन क्षेत्र के लोगों के इस हड़ताल में शामिल होने की उम्मीद है।

कौर ने कहा, ‘‘ हम बुधवार को नयी दिल्ली में मंडी हाउस से संसद भवन तक विरोध जुलूस निकालेंगे। इसी तरह के अन्य अभियान देशभर में चलाए जाएंगे।’’ 

कौर ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संघ एकतरफा श्रम सुधारों का भी विरोध करती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सरकार को श्रम संहिता पर सुझाव दिए थे। लेकिन चर्चा के दौरान श्रमिक संघों के सुझाव को दरकिनार कर दिया गया। हमने दो सितंबर 2016 को हड़ताल की। हमने नौ से 11 नवंबर 2017 को ‘महापड़ाव’ भी डाला, लेकिन सरकार बात करने के लिए आगे नहीं आयी और एकतरफा श्रम सुधार की ओर आगे बढ़ गई।’’ 

इस हड़ताल में इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हो रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ इसमें भाग नहीं ले रहा है।

कौर ने कहा कि सरकार रोजगार पैदा करने में नाकाम रही है। सरकार ने श्रमिक संगठनों के 12 सूत्रीय मांगों को भी नहीं माना। श्रम मामलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में बने मंत्रिसमूह ने दो सितंबर की हड़ताल के बाद श्रमिक संगठनों को चर्चा के लिए नहीं बूलाया। इसके चलते हमारे पास हड़ताल के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।

श्रमिक संघों ने ट्रेड यूनियन अधिनियम-1926 में प्रस्तावित संशोधनों का भी विरोध किया है।

Web Title: Bharat Bandh on 8th and 9th January 2019 Central Trade Unions: Who is supporting the strike

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