Bharat Bandh: बिहार में आंशिक असर, महागठबंधन और जाप कार्यकर्ताओं ने मचाया उत्पात, बंद कराने नहीं निकले तेजस्वी यादव
By एस पी सिन्हा | Published: December 8, 2020 04:53 PM2020-12-08T16:53:28+5:302020-12-08T21:34:08+5:30
तीन काले क़ानून जिसे बीजेपी किसानों के हितैषी क़ानून बताती है, यह पूंजीपतियों के लाभ के लिए बनाए गए हैं, मंडी एक्ट, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और आवश्यक वस्तु अधिनियम को विलोपित करने के लिए ये तीन क़ानून हैं.
पटनाः किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का बिहार में भी आंशिक असर देखने को मिला. राज्य में इसे महागठबंधन के घटक दलों के साथ-साथ रालोसपा और जन अधिकार पार्टी (जाप) सहित अन्य विपक्षी दलों ने भी समर्थन में बन्द कराया.
इस दौरान पटना में जाप कार्यकर्ताओं की गुंडागर्दी देखने को मिली. हालांकि बंद से आपात व आवश्यक सेवाओं को मुक्त रखा गया. बंद समर्थक कई जगह उत्पात पर उतर आए. इससे आम जनता को परेशानी का समाना करना पड़ा. राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शनकारी उत्पात पर उतर आए.
कारण कि डाक बंगला चौराहा पटना का हृदय माना जाता है. बन्द कराने तेजस्वी यादव घर से बाहर नही निकले. राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर जाप के कार्यकर्ताओं के द्वारा वाहनों को जबरन रोका गया. वाम दलों के कार्यकर्ता धरने पर बैठे. वहां राजद व कांग्रेस सहित अन्य दलों के कार्यकर्ता भी हैं. डाक बंगला चौहारा पर कांग्रेस कार्यकर्ता भी अपना प्रदर्शन दिखाने में कम नहीं रहे. भारत बंद समर्थकों ने डाक बंगला चौराहे पर लगे भाजपा और जदयू के पोस्टर फाड़ डाले.
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए गए. इसके जवाब में एनडीए समर्थकों ने नरेंद्र मोदी जिंदाबाद के नारे लगाए. इससे पहले किसी बात को लेकर बंद समर्थकों की पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई थी. पुलिस जब पीछे हटी तो बंद समर्थकों ने भाजपा-जदयू के पोस्टर पर गुस्सा उतारा.
बंद समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई
पोस्टर फाड़ते ही बवाल हो गया. इस दौरान बंद समर्थकों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. उत्तर से दक्षिण बिहार तक जगह-जगह भारत बंद समर्थक सड़कों पर उतर आए. हर शहर के प्रमुख चौराहों पर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और जबरन दुकानों को बन्द कराया. पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, भोजपुर, बक्सर में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतर आये थे.
सडक जाम कर प्रदर्शन कर रहे जाप कार्यकर्ताओं ने हर बार की तरह इस बार भी अपना प्रदर्शन दिखाया. एक कार को रोक कर उसके उपर खडे हो गए. कई कार्यकर्ता कार के बोनट पर चढ गए. जिससे कार में सवार लोग डर के मारे चीखने चिल्लाने लगे. कार का बॉडी कई जगहों दब गया. किसी तरह से कार ड्राइवर गाडी बैक कर लेकर भागा. कई जिलों में ट्रेनों को रोक दिया गया. वहीं कई शहरों में पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की भी खबर है. पटना-गया मार्ग पर भारत बंद का सबसे ज्यादा असर है.
मसौढ़ी-जहानाबाद-बेला-मखदुमपुर जैसे बाजार पूरी तरह से बंद रहा. भारत बंद की योजना 11 बजे से थी, लेकिन सुबह 6 बजे से ही राजनीतिक दल सडक पर उतर आये थे. बंद को लेकर प्रशासन 11 बजे से तैयारी कर रहा था, लेकिन भाकपा- माले, भाकपा के साथ अन्य समर्थक दल सुबह से ही सड़क पर उतर आए थे. इससे बंदी सुबह 6 बजे से ही प्रभावी हो गई. महागठबंधन में राजद के कार्यकर्ता सुबह-सवेरे ही भारत बंद को सफल करने के लिए सड़क पर उतरे.
सूबे के जमुई के चकाई में बंद के दौरान जाम में फंसे यात्रियों और राजद समर्थकों में भिड़ंत हो गई. हल्की हाथापाई के दौरान पूर्व विधायक सावित्री देवी ने हस्तक्षेप कर मामला शांत करा दिया. बंद समर्थकों का आरा में भी उत्पात देखा गया. यात्रियों के वाहनों के सीसे तोड़ डाले गये. गया जिले के बेलागंज से राजद विधायक सुऱेंद्र प्रसाद ने अफने कार्यकर्ताओं के साथ बेला बाजार में प्रदर्शन कराया.
जो दुकानें खुली थी उसे जबरन बंद कराया. वहीं, बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह किसानों का या उनके लिए आंदोलन नहीं है. यह केवल विपक्ष का बंद है. उन्होंने कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताया. इधर, बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने भारत बंद को लेकर विपक्ष पर कविता के माध्यम से वार किया है. उन्होंने लिखा है- हे कांग्रेस तेरे खेल निराले, पिस रहे हैं भोले-भाले. थोड़ी तो खुद पर शर्म करो, देश पर थोड़ा रहम करो.