भारत बंदः बिहार में मिला-जुला असर, राजद कार्यकर्ताओं के हुड़दंग से लोग परेशान, कांग्रेस का समर्थन
By एस पी सिन्हा | Published: September 27, 2021 06:32 PM2021-09-27T18:32:34+5:302021-09-27T18:33:57+5:30
झारखंड के कई इलाकों में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान पर बंद समर्थकों ने सड़क एवं राजमार्ग को बाधित किया जिससे वाहनों का जाम लग गया.
पटनाः केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में आज बुलाए भारत बंद का बिहार में मिला-जुला असर देखने को मिला. इस दौरान सड़कों का वाहनों का परिचालन भी नहीं के बराबर हुआ. बंद को देखते हुए कई स्कूल बंद थे.
प्रदेश में वामपंथी दलों के साथ-साथ महागठबंधन की पार्टियां राजद और कांग्रेस ने भी इस बंद को समर्थन दिया था. आज सुबह से ही बंद को सफल बनाने के लिए राजद, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर गए थे. आंदोलनकारी यातायात को बाधित करवा रहे थे. राजधानी पटना समेत बिहार के 15 जिलों में आंदोलनकारियों ने यातायात को बाधित किया.
कटिहार, मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, सहरसा, बेगूसराय, बेतिया, समस्तीपुर, भोजपुर, नालंदा, सीवान, बक्सर, जहानाबाद, अरवल और वैशाली में महागठबंधन के कार्यकर्ता सडक पर उतर आए. सडकों पर टायर जलाकर आगजनी की और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग की.
इस बीच पटना के महात्मा गांधी ब्रिज को बंद समर्थकों ने जाम कर दिया. जबकि दरभंगा में बंद समर्थकों ने बिहार संपर्क क्रांति रोक दी. हाईवे पर टायर जलाकर आगजनी की. केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग किया. वहीं, गठबंधन में शामिल सभी दलों ने कहा है कि महागठबंधन मजबूती के साथ अन्नदाताओं के साथ है.
बंद समर्थकों का कहना है कि भारत सरकार कृषि कानून को जब तक वापस नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. वहीं, इस दौरान राजद विधायक भाई विरेन्द्र ने कहा कि उनकी पार्टी ने भारत बंद का समर्थन किया है क्योंकि कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है. उधर बंद के विरोध में जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने राजद पर निशाना साधा है.
उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए राजद को लेकर कहा कि कहा कि बंद के नाम पर हुड़दंग! वाह राजद फार इंडिया! कहीं टायर जला रहे, तो कहीं ट्रेन रोक रहे! मारपीट, लोगों को डराना-धमकाना. मतलब कभी नहीं सुधरेंगे जंगलराज के बचे-खुचे लठैत!.'
वहीं नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए ट्वीट में लिखा है, 'राजनीतिक बहरुपिया तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपना रंग दिखाया. तथाकथित आंदोलन के दिन व आज भी फरार है. जहां बीज उत्पादन होता था, उसे बंद कर चरवाहा विद्यालय खोलने का ढोंग रचाया. घड़ियाली आंसू बहाकर तथाकथित आंदोलन के लिए राजनीतिक पैरोल पर पार्टी के नेताओं को तथाकथित आंदोलन के लिए बहाल किया.