VIDEO: 'पंजाब देश का हिस्सा नहीं, केंद्र ने किराए पर दी भारतीय सेना'; जानें सीएम भगवंत मान ने क्यों कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: April 1, 2022 05:55 PM2022-04-01T17:55:38+5:302022-04-01T18:00:34+5:30
पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पठानकोट हमले के दौरान सेना आई और मुकाबला किया। हालांकि, कुछ दिनों के बाद एक चिट्ठी मिली, जिसमें कहा गया कि पंजाब हमें 7.5 करोड़ रुपये दे क्योंकि हमने सेना भेजी थी।
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का भारतीय सेना व पंजाब को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। बता दें कि मान ने पंजाब विधानसभा में कहा कि पठानकोट हमले के दौरान सेना आई और मुकाबला किया। कुछ दिनों बाद हमें चिट्ठी मिली कि पंजाब हमें 7.5 करोड़ रुपये दे क्योंकि हमने सेना भेजी थी। हम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास गए और कहा कि 7.5 करोड़ रुपये हमारे MPLAD से काट लीजिए पर हमें लिखकर दे दीजिए कि हमने पंजाब को किराए पर सेना दी, पंजाब देश का हिस्सा नहीं है। सबसे पहले बंदूक की गोलियां हमारी छाती पर चलती हैं।
During Pathankot attack,military came.Later I received letter that Punjab should pay Rs 7.5 Cr as military was sent.Sadhu Singh&I went to Rajnath Singh.Told him to deduct from my MPLAD but give in writing that Punjab isn't country's part&took military from India on rent:Punjab CM pic.twitter.com/Gbg7yIJTRj
— ANI (@ANI) April 1, 2022
अपनी बात को जारी रखते हुए पंजाब विधानसभा में सीएम भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली में कोई भी काम करना हो तो उपराज्यपाल से अनुमति मांगनी पड़ती है वहां मुख्यमंत्री का कुछ नहीं चलता क्योंकि वहां सरकार किसी और पार्टी की बनी हुई है। पंजाब ने केंद्र सरकार से एक्स्ट्रा बिजली मांगी लेकिन हमें मना कर दिया गया और हरियाणा को दे दिया। दूसरी तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास तो कहां है साथ? ना आपको साथ देना है और ना ही आपको साथ लेना है।
दूसरी तरफ पीएम मोदी कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास तो कहां है साथ? ना आपको साथ देना है और ना ही आपको साथ लेना है: पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान,चंडीगढ़
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2022
बताते चलें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में चंडीगढ़ को तत्काल पंजाब को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया। ऐसे में उन्होंने इस दौरान कहा कि सदन ने पहले भी केंद्र से चंडीगढ़ को पंजाब को ट्रांसफर करने का अनुरोध करते हुए कई प्रस्ताव पारित किए हैं।