Coronavirus: बेंगलुरु के एक बड़े अस्पताल के आंकड़े चौंकाने वाले, अब तक वेंटिलेटर पर गए 97% कोरोना मरीजों की हुई मौत

By विनीत कुमार | Published: July 17, 2020 07:23 AM2020-07-17T07:23:28+5:302020-07-17T07:23:28+5:30

कर्नाटक में हाल के दिनों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़े हैं। बेंगलुरु में भी मामले बढ़ रहे हैं। इसके बाद शहर में एक हफ्ते का अभी लॉकडाउन है। इस बीच बेंगलुरु के एक सरकारी अस्पताल से जुड़ी हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है।

Bengaluru Victoria hospital sees 97 percent corona patients on ventilator died | Coronavirus: बेंगलुरु के एक बड़े अस्पताल के आंकड़े चौंकाने वाले, अब तक वेंटिलेटर पर गए 97% कोरोना मरीजों की हुई मौत

कर्नाटक में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsबेंगलुरु में एक सरकारी अस्पताल में अप्रैल से अब तक वेंटिलेटर पर गए 97 प्रतिशत मरीजों की हो चुकी है मौतआईसीयू में कुछ गड़बड़ी की आशंका, हालांकि ये भी कहा गया कि जो मरीज अस्पताल में आए उनकी हाल बेहद गंभीर थी

कर्नाटक के बेंगलुरु में कोरोना का इलाज करने वाले एक बड़े सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर्स पर रखे गए 97 प्रतिशत मरीजों की मौत हुई है। ये आंकड़ा ब्रिटेन, अमेरिका और इटली जैसे देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा है, जहां कोरोना से सबसे ज्यादा मृत्यु दर देखी गई।

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 100 साल पुराने विक्टोरिया अस्पताल को अप्रैल में शहर का पहला कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया था। ये अस्पताल बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट (BMCRI) से जुड़ा है। यहां अब तक 91 मरीजों की मौत हो चुकी है। हैरान करने वाला तथ्य ये है कि इसमें से 89 मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया था।

विक्टोरिया अस्पताल में सबसे ज्यादा वेंटिलेटर्स

BMCRI के अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में अब तक 1500 मरीजों को भर्ती किया गया है। इसमें 92 लोगों को सांस लेने में मदद के लिए इंटुबैषेण (intubation) की जरूरत पड़ी, जिसमें 89 की मौत हो गई। विक्टोरिया अस्पताल में 50 वेंटिलेटर्स हैं और बेंगलुरु के किसी भी सरकारी अस्पताल में ये सबसे ज्यादा है। 

बेंगलुरु के सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक सीनियर प्रोफेसर ने कहा, 'करीब 97 प्रतिशत की मृत्यु दर बताती है कि इंटेंसिव केयर (आईसीयू) में कुछ गड़बड़ है। इटली में जब कोविड-19 अपने उच्चतम स्तर पर था, तब भी मैकेनिवकल वैंटिलेशन पर गए लोगों की मृत्यु दर 65 प्रतिशत के करीब थी।'

गौरतलब है कि विक्टोरिया अस्पताल में शुरू में 1200 बेड कोविड-19 मरीजों केलिए तय होने थे। हालांकि, केवल 550 बेड की व्यवस्था की जा सकी। जुलाई की शुरुआत में ये सभी बेड भर गए। अप्रैल से जून के बीच हुई 58 मौतों के मुताबले पिछले करीब 15 दिनों में अस्पताल में 30 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

अधिकारी गिना रहे हैं दूसरे कारण

वहीं, अस्पतालों की कोविड-19 कोर कमिटी की अधिकारी और बीएमसीआरआई में प्रोफेसर डॉ. स्मिता सेगु ने बताया, 'हमारे यहां 15 जुलाई तक आईसीयू में 206 मरीज दाखिल हुए और 91 (कुल का 44 प्रतिशत) की मौत हुई। करीब 103 (50 प्रतिशत) आईसीयू से डिस्चार्ज हुए।'

कोरोना का कहर (फाइल फोटो)
कोरोना का कहर (फाइल फोटो)

स्मिता ने साथ ही कहा कि वेंटिलेटर्स पर मरीजों की ज्यादा मृत्यु दर का कारण ये हो सकता है कि वे विक्टोरिया अस्पताल उस समय पहुंचे जब दूसरे अस्पताल उनका इलाज करने में नाकाम हो गए थे। स्मित ने साथ ही इस बात को भी जोड़ा कि होने वाली मौतों में 95 प्रतिशत मरीज अन्य बीमारियों से भी ग्रस्त थे जबकि 30 प्रतिशत की उम्र 60 साल से ज्यादा की थी।

कर्नाटक में संक्रमितों का आंकड़ा 50 हजार के पार

हाल के दिनों में कर्नाटक समेत बेंगलुरु में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। कर्नाटक में गुरुवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे अधिक 4,169 मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 50 हजार से अधिक हो गई है। इसके अलावा 104 रोगियों की मौत हो गई है। 

गुरुवार को सामने आए 4,169 मामलों में से 2,344 मामले अकेले बेंगलुरु शहर से सामने आए हैं। 16 जुलाई की शाम तक राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या 51,422 हो गई है। इनमें से 1,032 लोगों की मौत हो चुकी है। 19,729 लोगों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है। 

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