कावेरी जल विवाद पर बेंगलुरु बंद रहा, जगह-जगह हुआ विरोध प्रदर्शन, सीएम सिद्धारमैया ने बताया कैसे होगा मामले का समाधान

By अनुभा जैन | Published: September 26, 2023 06:43 PM2023-09-26T18:43:22+5:302023-09-26T18:44:36+5:30

तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक जलसंरक्षण समिति, बेंगलुरु ने बंद रखा और 50 से ज्यादा संगठनों ने इस बंद के प्रति अपना समर्थन जताया।

Bengaluru remains closed over Cauvery water dispute CM Siddaramaiah told matter will be resolved | कावेरी जल विवाद पर बेंगलुरु बंद रहा, जगह-जगह हुआ विरोध प्रदर्शन, सीएम सिद्धारमैया ने बताया कैसे होगा मामले का समाधान

कावेरी जल विवाद के कारण बंद की वजह से बेंगलुरु थम सा गया

Highlightsकावेरी जल विवाद के कारण बंद की वजह से बेंगलुरु थम सा गयाराजभवन का घेराव करने वाले कन्नड़ समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लियाप्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार इस मामले में दखल दे

बेंगलुरु: कावेरी जल विवाद के कारण बंद की वजह से बेंगलुरु थम सा गया। पूरे दिन वाहनों की आवाजाही कम रही। हालांकि राज्य परिवहन की बसें चल रही हैं लेकिन यात्रियों की संख्या बहुत कम रही। पुलिस ने बंद के दौरान करीब 200 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। बंद का असर लोगों पर पड़ा और वे अपने घरों से बाहर नहीं निकले। हालांकि बीएमटीसी बसें और मेट्रो रेल सेवाएं सामान्य रूप से चलती रही। प्रदर्शनों में किसी के जान जाने की सूचना नहीं है।
 
शहर के महत्वपूर्ण चौराहों और रणनीतिक स्थानों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कड़ी चौकसी बरती गई। हालाँकि, 29 सितंबर को कर्नाटक बंद बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने कर्नाटक सरकार को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर तक तमिलनाडु को 3,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की है। यह निर्णय आज एक बैठक के बाद किया गया।

गौरतलब है कि तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने के खिलाफ कर्नाटक जलसंरक्षण समिति, बेंगलुरु ने बंद रखा और 50 से ज्यादा संगठनों ने इस बंद के प्रति अपना समर्थन जताया है। बीजेपी, जेडीएस, आम आदमी पार्टी ने भी बंद का समर्थन किया है। आज फ्रीडम पार्क में आयोजित विरोध प्रदर्शन में आप के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री चंद्रू और कई अन्य नेता शामिल हुए।

तमिलनाडु को किसी भी कारण से कावेरी नदी का पानी न दिए जाने की मांग को लेकर राजभवन का घेराव करने वाले कन्नड़ समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वाटल पार्टी के अध्यक्ष वाटल नागराज के नेतृत्व में विभिन्न कन्नड़ समर्थक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। चल रहे राजभवन घेराबंदी आंदोलन के दौरान, प्रवर्तन पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उग्रवादियों को निषेधाज्ञा के खिलाफ विरोध करने से रोकने के लिए गिरफ्तार किया।

कावेरी जल निकासी के विरोध में किसान संघ सहित विभिन्न संगठनों के हजारों कार्यकर्ताओं ने जेसी रोड के सिटी हॉल से फ्रीडम पार्क तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार इस मामले में दखल दे। हजारों लोगों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक मार्च किया। उन्होंने तमिलनाडु को कावेरी का पानी छोड़े जाने की निंदा की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि वे न्याय चाहते हैं।

चिक्कापेट, केआर मार्केट, एवेन्यू रोड, मैसूर बैंक सर्कल, मैजेस्टिक, गांधीनगर, शिवाजीनगर सहित शहर के महत्वपूर्ण हिस्सों में दुकानें और होटल स्वेच्छा से बंद कर दिए गए। व्यवसायिक कारोबार पूरी तरह से ठप रहा। कन्नड़ फिल्म उद्योग ने बंद का समर्थन किया है, सभी सिनेमा थिएटर और मॉल बंद कर दिए गए और फिल्म उद्योग की गतिविधियां बंद कर दी गई। हालांकि, एयरपोर्ट पर स्थिति सामान्य रही। बेंगलुरु बंद के मद्देनजर स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई।

इस विवाद के बीच कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का बयान भी सामने आया है। मैसूर में सीएम सिद्धारमैया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर मेकेदातु परियोजना लागू होती है तो यह कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी विवाद को हल कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट को अनुमति मिल जाये तो समस्या का समाधान हो जायेगा। 

सिद्धारमैया ने कहा कि मेकेदातु समानांतर जलाशय के निर्माण से 67 टीएमसी पानी एकत्र किया जा सकता है। बारिश की कमी होने पर दो राज्यों के पानी का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष राजनीति कर रहा है। विपक्षी दल जनता के हित के लिए नहीं लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस कावेरी मुद्दे पर राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्षी दल जनता के हित के लिए नहीं लड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस कावेरी मुद्दे पर राज्य के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

गौरतलब है कि आज बेंगलुरु में बंद पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को 15 दिनों के लिए 5,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ने के आदेश के विरोध में है। विवादास्पद आदेश कावेरी नदी जल प्रबंधन प्राधिकरण का है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि वह इसमें दखल नहीं दे सकता।

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