पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा, CBI जांच शुरू, 9 एफआईआर दर्ज, जानिए पूरा मामला

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 26, 2021 01:26 PM2021-08-26T13:26:06+5:302021-08-26T13:49:06+5:30

Bengal post-poll violence: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के संबंध में नौ मामले दर्ज किए हैं। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

Bengal post-poll violence CBI begins probe registers 9 cases  Calcutta High Court's orders | पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा, CBI जांच शुरू, 9 एफआईआर दर्ज, जानिए पूरा मामला

हिंसा के दौरान कथित दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है। (फाइल फोटो)

Highlightsजांच एजेंसी की सभी चार विशेष इकाइयों ने अपने दलों को कोलकाता से, राज्य के अपराध स्थलों में भेजा है।हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का निर्देश दिया था।कुछ और मामले दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से कुछ मामले राज्य सरकार ने सौंपे हैं।

Bengal post-poll violence: कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच शुरू की और नौ मामले दर्ज किए।

सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने अपनी टीम को कोलकाता से उस जगह भेजा है, जहां राज्य भर में दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हिंसा हुई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में सीबीआई जांच का निर्देश दिया था।

उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को हिंसा से संबंधित मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का भी निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने पाया कि पश्चिम बंगाल सरकार का तर्क है कि चुनाव आयोग हिंसा के लिए जिम्मेदार था, क्योंकि 3 मई, 2021 तक चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण पुलिस उसके अधीन थी "एकमुश्त खारिज करने के योग्य"।

सूत्रों ने बताया कि कुछ और मामले दर्ज किए जाने की प्रक्रिया में हैं और उनमें से कुछ मामले राज्य सरकार ने सौंपे हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के दौरान कथित दुष्कर्म और हत्या के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी है।

उच्च न्यायालय ने दो मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ये निर्देश दिए। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने राज्य में आठ चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ कड़े मुकाबले के बाद शानदार जीत दर्ज की।

स्वतंत्र जांच की मांग कर रही जनहित याचिकाओं पर सर्वसम्मति से फैसला देते हुए उच्च न्यायालय की पीठ ने सभी अन्य मामलों की जांच के लिए राज्य पुलिस अधिकारियों के एक विशेष कार्य बल (एसआईटी) का भी गठन करने का आदेश दिया। एसआईटी में पश्चिम बंगाल कैडर के आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल होंगे।

पीठ सीबीआई और एसआईटी दोनों की जांच की निगरानी करेगी और उसने दोनों एजेंसियों को छह हफ्तों के भीतर स्थिति रिपोर्ट सौंपने को कहा है। पीठ ने कहा कि ऐसे आरोप हैं कि शिकायतकर्ताओं को मामले वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा है और हत्या के कई मामलों को बिना प्राथमिकी दर्ज किए और जांच किए बिना स्वाभाविक मौत के मामले बताया जा रहा है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने शिकायतों पर कार्रवाई न करने के आरोपों पर उचित जवाब नहीं दिया और उन्हें तवज्जो न देने की कोशिश की। उसने कहा, ‘‘इसमें निश्चित तौर पर एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की आवश्यकता है।’’ पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा इस मामले पर सुनवाई शुरू किए हुए तीन महीने बीत गए हैं लेकिन ‘‘राज्य ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की’’। 

Web Title: Bengal post-poll violence CBI begins probe registers 9 cases  Calcutta High Court's orders

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