बंगाल पुलिस का आरोप, 'दिल्ली पुलिस ने सीआईडी टीम को झारखंड के गिरफ्तार कांग्रेसी विधायक की संपत्ति मामले में छापेमारी से रोका'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 3, 2022 03:50 PM2022-08-03T15:50:35+5:302022-08-03T15:57:30+5:30
बंगाल पुलिस ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट के वारंट के बावजूद उसकी सीआईडी टीम को झारखंड के विधायकों की नकदी जब्ती मामले में जांच करने से रोक दिया।
कोलकाता:झारखंड में कथिततौर पर हेमंत सोरेन सरकार गिराने की साजिश की जांच कर रही पश्चिम बंगाल पुलिस ने दिल्ली पुलिस पर आरोप लगाया कि वो उसकी सीआईडी टीम के जांच प्रक्रिया में बाधा डाल रही है। बंगाल पुलिस ने इस मामले में बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि बंगाल में पकड़े गये झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों से जुड़ी हुई संभावित संपत्तियों की जांच के लिए बंगाल पुलिस की सीआईडी टीम देश की राजधानी दिल्ली में पहुंची थी लेकिन गृह मंत्रालय के अधिन काम करने वाली दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर टीम को झारखंड के तीन गिरफ्तार कांग्रेसी विधायकों में से एक से जुड़ी संपत्ति की जांच अभियान में बाधा डाली और उन्हें जांच से रोकने का प्रयास किया।
बंगाल पुलिस के मुताबिक दिल्ली में बुधवार की सुबह पश्चिम बंगाल आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) की टीम को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट वारंट होने के बावजूद झारखंड के विधायकों की नकदी जब्ती मामले में एक आरोपी से जुड़ी संपत्ति पर तलाशी करने से रोक दिया।
इस मामले में बंगाल सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "वे झारखंड सरकार गिराने के विवाद में जांच के लिए कोर्ट के वारंट के साथ बुधवार की सुबह दिल्ली में छापेमारी कर रहे थे लेकिन मौके पर आकर दिल्ली पुलिस ने उन्हें जांच से रोक दिया। हमने उन्हें कोर्ट का वारंट भी दिखाया लेकिन उन्होंने तलाशी अभियान टीम की एक न सुनी और हमें जांच को रोकना पड़ा।"
सीआईडी के अधिकारी का कहना है कि कोर्ट के वारंट के साथ गई पुलिस टीम को जांच से रोका जाना पूरी तरह से अवैध है और आश्चर्य है कि जिस स्टेट पुलिस को हमें सहयोग करना चाहिए, उसने हमारी टीम के साथ ऐसा किया।"
सीआईडी का दावा है कि झारखंड के तीनों कांग्रेसी विधायकों से जब्त की गई लाखों की नकदी उन्हें हवाला के जरिए कलकत्ता के एक व्यापारी ने पहुंचाई थी। इस सिलसिले में सीआईडी ने मंगलवार को कोलकाता के लालबाजार इलाके के एक व्यवसायी महेंद्र अग्रवाल के कार्यालय पर छापा भी मारा था और वहां से 3 लाख रुपये नकद, कई बैंक पासबुक और लगभग 250 चांदी के सिक्के भी बरामद किए थे।
सीआईडी के मुताबिक बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गये तीनों विधायकों के बारे में सूचना मिलने के बाद से कारोबारी महेंद्र अग्रवाल फरारचल रहे हैं। इन्हीं महेंद्र अग्रवाल के यहां से दब्त की गई नकदी के मामले की जांच के लिए बंगाल सीआईडी की टीम राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंची थी।
मालूम हो कि बंगाल पुलिस ने झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को गिरफ्तार करते हुए उनकी कार से 49 लाख रुपये नकद जब्त किया था। तीनों को बंगाल पुलिस ने उस समय पकड़ा था, जब वो बंगाल से झारखंड की यात्रा कर रहे थे।
आरोप है कि इन तीनों विधायकों को कथित तौर पर झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने के लिए पैसा दिया गया था। जिसमें कांग्रेस पार्ची भी साझेदार है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने सीधे तौर पर भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के लिए उसके विधायकों को 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश की थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)