गुजरात दंगों पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री का कोलकाता के प्रेसीडेंसी विवि में हुआ प्रदर्शन, बिजली काटी गई लेकिन...

By भाषा | Published: January 28, 2023 07:23 AM2023-01-28T07:23:00+5:302023-01-28T07:30:21+5:30

केंद्र सरकार ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। 

BBC documentary on Gujarat riots screened at Presidency University in Kolkata | गुजरात दंगों पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री का कोलकाता के प्रेसीडेंसी विवि में हुआ प्रदर्शन, बिजली काटी गई लेकिन...

गुजरात दंगों पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री का कोलकाता के प्रेसीडेंसी विवि में हुआ प्रदर्शन, बिजली काटी गई लेकिन...

Highlightsइसका आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र शाखा एसएफआई ने किया था।दावा किया गया है कि यह 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल पर आधारित है।विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘‘दुष्प्रचार का हिस्सा’’ बताते हुए खारिज किया है और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है।

कोलकाताः कोलकाता में एक छात्र संगठन ने शुक्रवार को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के कॉलेज स्ट्रीट कैंपस में 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृतचित्र को दिखाए जाने का दावा किया। हालांकि, वृत्तचित्र के प्रदर्शन के दौरान परिसर में बिजली कटौती किए जाने का आरोप भी छात्र संगठन ने लगाया।

इसका आयोजन करने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की छात्र शाखा स्टूडेन्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने कहा कि विश्वविद्यालय के 50 से अधिक छात्रों ने विवादास्पद वृत्तचित्र देखा।

प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के एक एसएफआई प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रशासन ने जाहिर तौर पर (वृत्तचित्र की) स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्रों की सामूहिक शक्ति के आगे उन्हें हार माननी पड़ी।’’ वहीं, यादवपुर विश्वविद्यालय के 100 से अधिक विद्यार्थियों के 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के वृतचित्र को देखने की खबर है।

बताया जाता है कि एसएफआई ने इस वृत्तचित्र के प्रदर्शन की व्यवस्था की थी। ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) का वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ दो भाग में है, जिसमें दावा किया गया है कि यह 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल पर आधारित है।

गुजरात दंगों के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे। विदेश मंत्रालय ने वृत्तचित्र को ‘‘दुष्प्रचार का हिस्सा’’ बताते हुए खारिज किया है और कहा कि इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। एसएफआई ने बताया कि बृहस्पतिवार को यादवपुर विश्वविद्यालय में वृत्तचित्र के प्रदर्शन को लेकर पुलिस या संस्थान के प्राधिकारियों की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। इससे पहले, एसएफआई की राज्य इकाई के सहायक सचिव शुभजीत सरकार ने कहा कि छात्र निकाय प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय में शुक्रवार को वृत्तचित्र का प्रदर्शन करेगा।

उन्होंने कहा ‘‘प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय के प्राधिकारियों की ओर से औपचारिक सहमति अभी दी जानी है, लेकिन हम फिल्म दिखाएंगे।’’ प्रेसीडेन्सी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र सरकार ने दावा किया ‘‘वृत्तचित्र बैडमिंटन कोर्ट में दिखाया जाना था, जहां बिजली काट दी गई। अब हम वृत्तचित्र दिखाने के लिए कॉमन रूम का उपयोग करेंगे।’’

बहरहाल, संस्थान के एक अधिकारी ने कहा कि बिजली कटने की वजह तकनीकी है। केंद्र सरकार ने बीबीसी के वृत्तचित्र ‘इंडिया : द मोदी क्वेश्चन’ का लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को 21 जनवरी को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। 

Web Title: BBC documentary on Gujarat riots screened at Presidency University in Kolkata

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