बैंक धोखाधड़ी: हवाला कारोबारी से मिले क्रेडिट कार्ड पर मौज कर रहे थे कमलनाथ के भांजे, निजी विमानों से उड़ान और नाइट क्लब के लिए करते थे इस्तेमाल
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: October 19, 2019 08:19 AM2019-10-19T08:19:47+5:302019-10-19T08:19:47+5:30
ईडी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि करीब आठ हजार करोड़ रुपए के हेर-फेर से संबंधित एक मामले में मनी लांडिं्रग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. एजेंसी के अुनसार जांच में पता चला कि पुरी ने बैंकों से मिले कर्ज की राशि को दुनियाभर में स्थित मोजर बेयर की अनुषंगियों को हस्तांतरित कर दिया.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी दुबई स्थित एक हवाला कारोबारी से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर मौज मस्ती का जीवन जी रहे थे. उक्त हवाला कारोबारी वीवीआईपी चौपर घोटाले का एक आरोपी है. पुरी इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर निजी विमानों से उड़ान भरते थे और नाइट क्लब जाते थे.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आठ हजार करोड़ रुपए के बैंक ऋण के मनी लांड्रिंग से संबंधित एक मामले में दायर आरोपपत्र में यह बात कही है. ईडी ने यहां एक विशेष अदालत में गुरुवार को पुरी, उनके सहयोगियों तथा उनके पिता की प्रवर्तित कंपनी मोजर बेयर इंडिया लिमिटेड के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया.
ईडी ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि करीब आठ हजार करोड़ रुपए के हेर-फेर से संबंधित एक मामले में मनी लांडिं्रग रोकथाम अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. एजेंसी के अुनसार जांच में पता चला कि पुरी ने बैंकों से मिले कर्ज की राशि को दुनियाभर में स्थित मोजर बेयर की अनुषंगियों को हस्तांतरित कर दिया.
इसके साथ ही पुरी ने विभिन्न हवाला कारोबारियों तथा पेशेवरों की मदद से विभिन्न न्यायाधिकार क्षेत्रों में कॉरपोरेट संरचना तैयार की और कारखाने तथा अचल संपत्तियां खरीदने में निवेश किया. उन्होंने दुबई स्थित हवाला कारोबारी राजीव सक्सेना से मिले क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर आलीशान जीवन जीया. सक्सेना 3,600 करोड़ रुपए के अगुस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी चौपर घोटाले में एक मुख्य आरोपी है. उसे इसी साल प्रत्यर्पित कर दुबई से भारत लाया गया.
क्रेडिट कार्ड से 45 लाख डॉलर खर्च किए एजेंसी ने कहा कि क्रेडिट कार्ड से विलासितापूर्ण जीवन के लिए 45 लाख डॉलर खर्च किए गए. ईडी ने कहा कि विभिन्न बैंकों से लिए गए 7,979.30 करोड़ रुपए के कर्ज का मोजर बेयर, उसके निदेशकों तथा प्रवर्तकों ने अपने निजी इस्तेमाल में दुरुपयोग किया और उसे पुरी की हिंदुस्तान पावर समूह की कंपनियों में हस्तांतरित कर दिया गया.
सीबीआई ने रतुल पुरी, उसके पिता दीपक पुरी, मां नीता और अन्य के खिलाफ 354 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने इन लोगों के खिलाफ शिकायत की थी. ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया. बैंक ने दावा किया था कि कंपनी और इसके निदेशकों ने जाली दस्तावेज सौंप कर बैंक को चूना लगाया.