बनारस: बीएचयू की टीम ने 4000 साल पुराने शिल्प ग्राम का पता लगाया, 23 फरवरी से शुरू होगी खुदाई
By भाषा | Published: February 23, 2020 04:42 PM2020-02-23T16:42:54+5:302020-02-23T16:42:54+5:30
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की एक टीम ने वाराणसी में 400 साल पुराने शिल्प ग्राम का पता लगाया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्राचीन ग्रंथों में दर्ज शिल्प ग्रामों में से एक है। वाराणसी से 13 किलोमीटर दूर बभानियाव गांव में प्रारंभिक सर्वेक्षण करने वाले विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने कहा कि उसे एक ऐसी बस्ती के निशान मिले हैं, जिसका वाराणसी से संबंधित साहित्य में जिक्र मिलता है।
बीएचयू के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर ए के दुबे ने कहा कि वाराणसी जिले के बभानियाव गांव में प्रारंभिक सर्वेक्षण में 8वीं शताब्दी ईस्वी से 5वीं शताब्दी ई. के बीच का एक मंदिर, 4,000 साल पुराने मिट्टी के बर्तन और 2 हजार साल पुरानी दीवारें मिली हैं। दुबे ने कहा, ''स्थल पर मिली मिट्टी की सामग्री के आधार पर हम कह सकते हैं कि संरचना 3500 से 4000 साल पुरानी है।'' दुबे उस टीम का हिस्सा हैं, जो 23 फरवरी को स्थल पर खुदाई का काम करेगी।
उन्होंने कहा कि वाराणसी से निकटता के कारण इसका खास महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार वाराणसी को 5,000 साल पहले हिंदू देवता भगवान शिव ने स्थापित किया था, हालांकि आधुनिक विद्वानों का मानना है कि यह लगभग 3,000 साल पुराना है। दुबे ने कहा, "बाभनियाव स्थल वाराणसी का एक छोटा उप-केंद्र हो सकता है, जो एक शहरी शहर के रूप में विकसित हुआ है।"