मोदी सरकार ने राष्ट्रीय झंडे के आयात पर लगाई पाबंदी, खादी दस्तकारों को मिला दिवाली गिफ्ट
By भाषा | Published: October 16, 2019 10:14 PM2019-10-16T22:14:16+5:302019-10-16T22:14:16+5:30
केवीआईसी ने कहा कि झंडा संहिता के तहत राष्ट्रीय झंडा हाथ से और ऊनी, सूती या रेशमी खादी कपड़े से तैयार किया होना चाहिए।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने बुधवार को कहा कि सरकार का राष्ट्रीय झंडे के आयात पर पाबंदी लाखों खादी दस्तकारों के लिये ‘दिवाली उपहार’ है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी किया है। इसके तहत भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-1, धारा 1.2 के तहत निर्धारित विशिष्टताओं का अनुपालन नहीं करने पर देश के राष्ट्रीय झंडे के आयात पर पाबंदी लगायी गयी है।
केवीआईसी ने कहा कि झंडा संहिता के तहत राष्ट्रीय झंडा हाथ से और ऊनी, सूती या रेशमी खादी कपड़े से तैयार किया होना चाहिए। अन्य शब्दों में केवीआईसी संसद के कानून के तहत एकमात्र सांविधक इकाई है जिसके पास भारतीय राष्ट्रीय झंडा तैयार करने का अधिकार है।
केवीआईसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पिछले दो साल से केवीआईसी ने राष्ट्रीय झंडे की बिक्री में कमी पायी।’’ वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बिक्री 3.69 करोड़ रुपये तथा 2018-19 में 3.16 करोड़ रुपये की था। यानी 2017-18 के मुकाबले बिक्री में 14 प्रतिशत की कमी आयी। वर्ष 2019-20 में अबतक बिक्री केवल 1.94 करोड़ रुपये की है।
केवीआईसी चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि झंडे की बिक्री में कमी को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के संज्ञान में लाया गया। गोयल को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा था कि नकली झंडे (ज्यादातर प्लास्टिक) झंडा संहिता का उल्लंघन है।
आयोग ने मंत्री से आयात पर पाबंदी लगाने के लिये तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। सूत्र के अनुसार ज्यादातर झंडे चीन से आयात किये गये थे।