यूपी के सरकारी अस्पतालों में कॉयल वाले हीटर पर रोक! लोड की जांच के बाद लगाए जाएंगे हैलोजन हीटर या वार्मर

By राजेंद्र कुमार | Published: December 8, 2024 07:06 PM2024-12-08T19:06:12+5:302024-12-08T19:06:57+5:30

इस आदेश में कहा गया है कि कि अस्पतालों में ठंड से बचने के लिए केवल हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग किया जाए। अस्पतालों में हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग भी अस्पतालों के लोड की जांच के बाद ही किया जाए।

Ban on coiled heaters in UP government hospitals! Halogen heaters or warmers will be installed after checking the load | यूपी के सरकारी अस्पतालों में कॉयल वाले हीटर पर रोक! लोड की जांच के बाद लगाए जाएंगे हैलोजन हीटर या वार्मर

यूपी के सरकारी अस्पतालों में कॉयल वाले हीटर पर रोक! लोड की जांच के बाद लगाए जाएंगे हैलोजन हीटर या वार्मर

लखनऊ: बीते माह सूबे के झांसी मेडिकल में बच्चों के वॉर्ड में लगी आग से सबक लेते हुए राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में कॉयल वाले हीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी गई है। झांसी मेडिकल में बच्चों के वॉर्ड में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की वजह से दस बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके चलते सूबे के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ठंड के दौरान अस्पतालों में कहीं भी कॉयल वाले हीटर लगाए जाने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि कि अस्पतालों में ठंड से बचने के लिए केवल हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग किया जाए। अस्पतालों में हैलोजन हीटर अथवा वार्मर का प्रयोग भी अस्पतालों के लोड की जांच के बाद ही किया जाए।

आग से बचाव के लिए निर्देश 

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा द्वारा प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों के प्रमुखों को यह आदेश भेजा गया है। प्रमुख सचिव के इस आदेश में यह कहा गया है कि अस्पतालों में हीटर के प्रयोग से पहले यह देख लिया जाए कि इलेक्ट्रिक वायरिंग लोड के अनुपात में पर्याप्त क्षमता की है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी प्रकार के लूज कनेक्शन इलेक्ट्रिक बोर्ड या हीट में न हो। 

इसके साथ ही राज्य के सभी अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू), एनआईसीयू, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट इत्यादि में तापमान को नियंत्रित रखने के लिए वॉर्मर, एयर कंडीशनर इत्यादि का उपलब्धता एवं क्रियाशीलता सुनिश्चित की जाए. हर अस्पताल में बाल रोगियों की आयु के हिसाब से उचित ऑक्सीजन मास्क तथा अन्य पेरिफेरल इक्विपमेंट, नेबुलाइजर मशीन और नेबुलाइजेशन के लिए जरूरी औषधियों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और आईसीयू में पर्याप्त नेबुलाइजर मशीन और जरूरी दवाइयों की व्यवस्था की जाए।

राज्य में 59 जिलों में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 सरकारी और 30 निजी हैं। दो एम्स है और 16 जिले ऐसे हैं जहां कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है। लखनऊ में ऐसा जिला हैं जहां छह से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। इसके अलावा 37 जिला अस्पताल और 958 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, जहां लोगों को भर्ती कर उनका इलाज किया जाता। इसके अलावा राज्य में निजी क्षेत्र के बड़े आधुनिक अस्पताल बने हुए हैं।

अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाने की व्यवस्था को जांचने के लिए हर अस्पताल में एक टीम भी बनाए जाने का निर्देश प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने दिया है। टीम बनाने की जिम्मेदारी अस्पताल के प्रभारियों की होगी। यह टीम रोजाना पूरे अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचने, अगर टीम द्वारा किसी व्यवस्था में कोई कमी पाई जाती है, तो जरूरी सुधार कराना टीम की जिम्मेदारी होगी।
 

Web Title: Ban on coiled heaters in UP government hospitals! Halogen heaters or warmers will be installed after checking the load

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