बलिया की नेहा सिंह का नाम गिनीज बुक में दर्ज, जानें किस तरह वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया अपना नाम
By अनुराग आनंद | Published: December 20, 2020 05:01 PM2020-12-20T17:01:13+5:302020-12-20T17:07:05+5:30
BHU के 100 वर्षों में पहली बार किसी विद्यार्थी का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है। ऐसे में आइए जानते हैं किस तरह नेहा ने ये वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
बलिया: बलिया जिले के रसड़ा तहसील क्षेत्र के डेहरी गांव की रहने वाली नेहा सिंह ने श्रीमद भगवदगीता पर आधारित मोक्ष का वृक्ष पेंटिंग तैयार कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है । जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने रविवार को बताया कि नेहा सिंह ने विश्व की सबसे बड़ी 67 वर्ग मीटर की पेंटिंग तैयार की है।
उसने प्राकृतिक रंगों से यह पेंटिंग बनायी है। उन्होंने बताया कि नेहा सिंह ने श्रीमद् भगवदगीता पर मोक्ष का वृक्ष पेंटिंग तैयार की है, जिसपर उसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अंकित किया गया है।
नेहा सोलह लाख मोतियों से भारत का नक्शा बना चुकी हैं-
जिलाधिकारी ने आज नेहा के गांव में आयोजित एक समारोह में उसे सम्मानित किया तथा उसकी बेहतरीन कलाकृतियों को देखकर उसकी हौसलाअफजाई की। नेहा सोलह लाख मोतियों से भारत का नक्शा और उंगलियों के निशान से हनुमान चालीसा भी लिख चुकी है । नेहा अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में हैं।
सभी पेंटिंग बेचकर की तैयारी-
पहले यह रिकॉर्ड भारत के ही आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा की रहने वाली श्रेया तातिनेनी के नाम था। जिन्होंने 29 सितंबर 2019 को 54.67 स्क्वॉयर मीटर यानी 588.56 स्क्वॉयर फीट में खनिज रंगों से पेंटिंग बनाई थी। उसी समय से इसी रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए एप्लीकेशन डाला हुआ था। मगर गिनीज रिकॉर्ड से अनुमति मिलते एवं तैयारियां करते करते साल भर का समय लगा।
BHU से पढ़ी नेहा सिंह आजकल क्या कर रही हैं?
नेहा सिंह रसड़ा गांव की रहने वाली हैं। वे वर्तमान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र में अध्ययन कर रही हैं। कोरोना संकट काल में जब लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो वे अपने घर बलिया चली गई थीं। आज कल उनका समय भागदौड़ एवं मोह-माया से दूर वैदिक विज्ञान, उपनिषद, भगवद्गीता, भारतीय संस्कृति आदि विषयों में निरंतर शोध एवं अध्ययन में करने में बीतता है।
(एजेंसी इनपुट