खत्म हुआ सपा-बसपा गठबंधन, सभी चुनाव अकेले लड़ेंगी मायावती, अखिलेश पर लगाया बड़ा आरोप
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 24, 2019 11:48 AM2019-06-24T11:48:33+5:302019-06-24T11:53:47+5:30
मायावती ने कहा, लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।
उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन टूट गया है। बीएसपी सुप्रीमो ने ऐलान किया है कि पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी। वहीं समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा?
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट किया, सोमवार को बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली। इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था। फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था।
एक अन्य ट्वीट में माया ने कहा, वैसे भी जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया। परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है। अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी।
अखिलेश ने नहीं किया फोन
लोकसभा चुनाव में मनमुताबिक नतीजे न मिलने का पूरा ठीकरा मायावती ने सपा के सिर मढ़ते हुए मायावती ने सपा के साथ गठबंधन को बड़ी भूल बताया। मायावती ने कहा कि नतीजे आने के बाद अखिलेश यादव ने उन्हें फोन तक नहीं किया। मायावती ने बताया कि सतीश मिश्रा ने अखिलेश से कहा भी कि वो मायावती को फोन कर लें फिर भी अखिलेश ने नहीं किया। जबकि मैंने बड़े होने का फर्ज निभाया और लोकसभा चुनाव के नतीजे वाले दिन 23 तारीख को अखिलेश को फोन कर उनकी पत्नी डिंपल यादव और परिवार के अन्य लोगों के हारने पर अफसोस जताया।
बैठक में इन मुद्दों पर मायावती ने अखिलेश-मुलायम पर लगाए आरोप-
-मायावती ने बताया कि उन्हें ताज कॉरीडोर मामले में फंसाने में बीजेपी के साथ मुलायम सिंह यादव की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी। फिर भी मैं सब कुछ भूलकर उनके लिए वोट मांगने गई।
-सपा ने प्रमोशन में रिजर्वेशन का विरोध किया था इसलिए दलितों और पिछड़ों ने उन्हें वोट नहीं किया।
-सपा सरकार में गैर यादव पिछड़ों के साथ इंसाफ नहीं हुआ इसलिए उन्होंने भी वोट नहीं दिया।
-बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रामआसरे कुशवाहा को सपा के नेता राम गोविंद चौधरी ने हरवाया। उन्होंने यादव वोट ट्रांसफर नहीं करवाया और अखिलेश ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।