बाबरी विध्वंस बरसी मनाया गया, हिन्दू संगठनों ने सार्वजनिक तौर पर 'शौर्य दिवस' नहीं मनाया
By भाषा | Published: December 7, 2019 06:09 AM2019-12-07T06:09:39+5:302019-12-07T06:09:39+5:30
अयोध्या मामले में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष ने छह दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाये जाने की सालगिरह को हिन्दू और मुस्लिम संगठनों ने अपने—अपने ढंग से शांतिपूर्ण तरीके से मनाया। प्रदेश में बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी समेत कई मुस्लिम संगठनों ने बाबरी विध्वंस की बरसी को 'यौम—ए—गम' के तौर पर मनाया जबकि बजरंग और विश्व हिन्दू परिषद ने इसे 'शौर्य दिवस' के बतौर मनाया।
अयोध्या में जुमे की नमाज से पहले मस्जिदों में तकरीर करके बाबरी विध्वंस की बरसी मनायी गयी। हालांकि रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अपील पर हिन्दू संगठनों ने सार्वजनिक तौर पर 'शौर्य दिवस' नहीं मनाया। मगर, गोरखपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने बाबरी विध्वंस की बरसी पर शौर्य दिवस मनाया।
इस दौरान कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जीलानी ने बताया कि कमेटी की विभिन्न जिला कमेटियों ने अपने—अपने स्तर से बाबरी विध्वंस की बरसी मनायी। मालूम हो कि गत नौ नवम्बर को अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद यह ऐसा पहला मौका था।