'कोरोनिल' पर बाबा रामदेव बोले- 'मुझे गाली दीजिए लेकिन आयुर्वेद का मजाक मत बनाइए, जानिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
By पल्लवी कुमारी | Published: July 1, 2020 12:42 PM2020-07-01T12:42:44+5:302020-07-01T12:42:44+5:30
योग गुरु बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन की उपस्थिति में हरिद्वार में कोरोनिल दवा को 23 जून 2020 को लॉन्च किया गया था। जिसकी जांच अभी आयुष मंत्रालय कर रहा है।
नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेवपतंजलि आयुर्वेद (Patanjali)'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, आयुष मंत्रालय ने उनकी पहल का स्वागत किया है। लेकिन जिस तरीके से लोगों ने आयुर्वेद का मजाक बनाया है मैं उससे बहुत दुखी हूं। योग गुरु बाबा रामदेव बोले, मेरे खिलाफ आतंकवादियों की तरह एफआईआर दर्ज कराई गई। मुझसे आपत्ति है तो मुझे गाली दीजिए, लेकिन कोरोना पीड़ितों से हमदर्दी रखें।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' से ही कोरोना का इलाज हो जाएगा...इसके साथ जो हमने जो अन्य दो दवाई बनाई है..उनसब के प्रयोग से कोरोना मरीजों का इलाज संभंव है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, तुम्हें जितनी गालियां मुझे देनी है दे लो, मैं गाली सुन सुनकर गाली प्रूफ हो चुका हूं, लेकिन भारतीय सभ्यता संस्कृति को आयुर्वेद को तो कम से कम गाली मत दो। इससे मैं बहुत आहत हूं।
उन्होंने कहा, हमने मेडिकल साइंस के प्रोटोकाल पर ट्रायल किए है। बाबा रामदेव ने कहा, कई ड्रग माफिया को हमसे परेशानी होने लगी है।
पतंजलि आयुर्वेद की ओर से जो प्रेस रिली जारी किए गए हैं, जानिए उसमें क्या-क्या लिखा गया है?
- प्रेस रिलीज में लिखा गया है, आयुष मंत्रालय और भारत सरकार को क्लीनिकल ट्रायल संबंधी सभी दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। आयुष मंत्रालय तथा पतंजलि में अब इस विषय पर कोई मतभेद नहीं है।
- प्रेस रिलीज में बताया गया है, पतंजलि एंव दिव्य फार्मेसी ने भी दिव्य कोरोनिल टैबलेट और दिव्य श्वासारि वटी का औषधि लाइसेंस परंपरागत औषधि उपयोग के आधार पर लिया है। जिसके बाद मॉडर्न रिसर्च बेस्ड और क्लीनिकल ट्रायल को इससे जोड़ा गया है।
All clinical trial documents shared with Ayush Ministry!
— Patanjali Ayurved (@PypAyurved) July 1, 2020
No difference of opinions between Ayush Ministry and Patanjali.#कोरोनिलविजय#पतंजलिविजयpic.twitter.com/KRSyHvDSNZ
- प्रेस रिलीज में बताया गया है, यह आयुर्वेदिक औषधियों का कोविड-19 संक्रमित रोगियों पर किया गया पहला सफल क्लीनिकल ट्रायल था। हम अब इन औषधियों के मल्टीसेन्ट्रिक क्लीनिकल ट्रायल की दिशा में अग्रसर हैं।
- प्रेस रिलीज में बताया गया है, पतंजलि में 500 से अधीक सीनियर वैज्ञानिक हैं। पतंजलि आयुर्वेद सेवाओं में 10 हजार करोड़ से ज्यादा की सेवा राष्ट्र के नाम समर्पित की है।
- प्रेस रिलीज में बताया गया है, पतंजलि भारत की सनातन वेद परम्परा और ऋषि परम्परा के प्रतिनिधी हैं। हमने ना कभी झूठा प्रोपेगेंडा किया है और ना ही करेंगे। ये हम करोड़ों लोगों को विश्वास दिलाना चाहते हैं।
- प्रेस रिलीज में बताया गया है, कुछ दवा माफिया और स्वदेशी व भारतीय विरोधी ताकतें चाहें लाख हमें बदनाम करने की कोशिस करें, कितने ही हम पर पत्थर फेंके, हम दृढ़ संकल्पित हैं। इन्ही पत्थरों को सीढ़ियां बनाकर अपनी मंजिल पायेंगे।
आयुष मंत्रालय ने कहा- जब-तक दवा की जांच पूरी नहीं हो जाती पतंजलि आयुर्वेद इसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता
'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' को योग गरु बाबा रामदेव ने 23 जून को लॉन्च किया था। दवा को लॉन्च करते हुए बाबा रामदेव दावा किया था कि सात दिनों में इससे कोरोना के मरीजों का इलाज होगा। दवा की लॉन्चिंग के कुछ घंटों के भीतर ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा के प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। आयुष मंत्रालय ने कहा है कि जब तक दवा की जांच पूरी नहीं हो जाती पतंजलि आयुर्वेद इसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता है।
उत्तराखंड की आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने भी कहा है कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था।