Ayodhya Verdict: जामा मस्जिद के शाही इमाम ने समर्थन किया, कहा- पुनर्विचार याचिका की जरूरत नहीं

By भाषा | Published: November 9, 2019 04:30 PM2019-11-09T16:30:23+5:302019-11-09T16:30:23+5:30

दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने यह उम्मीद भी जताई कि अब देश में सांप्रदायिक तनाव के लिए जगह नहीं होगी और आगे से ऐसे मुद्दों को हवा नहीं दी जाएगी। बुखारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा था कि देश कानून और संविधान के अमल पर चलता है।

Ayodhya Verdict: Shahi Imam of Jama Masjid supported, said- no need for reconsideration petition | Ayodhya Verdict: जामा मस्जिद के शाही इमाम ने समर्थन किया, कहा- पुनर्विचार याचिका की जरूरत नहीं

शाही इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि देश सद्भाव की तरफ आगे बढ़ेगा।

Highlights134 साल से चल रहे विवाद का अंत हुआ। पांच सदस्यीय पीठ ने निर्णय लिया।हिंदू-मुस्लिम की बात बंद होनी चाहिए और देश को आगे बढ़ाने के लिए सब मिलकर चलें।

दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या मामले को अब आगे नहीं बढ़ाना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि अब देश में सांप्रदायिक तनाव के लिए जगह नहीं होगी और आगे से ऐसे मुद्दों को हवा नहीं दी जाएगी। बुखारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने पहले भी कहा था कि देश कानून और संविधान के अमल पर चलता है।

134 साल से चल रहे विवाद का अंत हुआ। पांच सदस्यीय पीठ ने निर्णय लिया। गंगा जमुनी संस्कृति और सद्भाव को देखते हुए कि यह प्रयास करना होगा कि आगे देश को इस तरह के विवाद से नहीं गुजरना पड़े।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश संविधान के तहत चले, कानून का अमल होता रहे, सांप्रदायिक तनाव नहीं हो और समाज नहीं बंटे, इसके लिए सभी को अपनी भूमिका अदा करनी होगी।

हिंदू-मुस्लिम की बात बंद होनी चाहिए और देश को आगे बढ़ाने के लिए सब मिलकर चलें।’’ शाही इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान से यह उम्मीद की जानी चाहिए कि देश सद्भाव की तरफ आगे बढ़ेगा। फैसले के खिलाफ अपील से जुड़े ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के बयान के बारे में पूछे जाने पर बुखारी ने कहा, ‘‘मेरी अपनी राय है कि मामले को ज्यादा बढ़ाना उचित नहीं है।

पुनर्विचार के लिए उच्चतम न्यायालय में जाना बेहतर नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय पहले से कहता रहा है कि वह फैसले का सम्मान करेगा और अब फैसला आने के बाद लोग इससे सहमत हैं।

Web Title: Ayodhya Verdict: Shahi Imam of Jama Masjid supported, said- no need for reconsideration petition

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