अयोध्या फैसले पर पाकिस्तान ने उठाए सवाल, विदेश मंत्रालय ने दिया जवाब
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: November 9, 2019 10:27 PM2019-11-09T22:27:10+5:302019-11-09T22:40:08+5:30
अयोध्या फैसले को लेकर देश के अलावा दुनियाभर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इस मामले में दखलंदाजी करते हुए नकारात्मक टिप्पणी की है।
अयोध्या फैसले को लेकर देश के अलावा दुनियाभर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इस मामले में दखलंदाजी करते हुए नकारात्मक टिप्पणी की है। पाकिस्तान की ओर से अयोध्या को लेकर आए फैसले पर उठाए गए सवालों का भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ा जवाब दिया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान के बयानों पर विदेश मंत्रालय ने कहा, ''एक सिविल मामला जोकि पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है, उस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पाकिस्तान की ओर से आए अनुचित और गंभीर बयानों को हम खारिज करते हैं।''
Ministry of External Affairs (MEA): We reject the unwarranted & gratuitous comments made by Pakistan on judgement of Supreme Court on a civil matter that is completely internal to India. pic.twitter.com/ZLulujWYvG
— ANI (@ANI) November 9, 2019
बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने करतारपुर गलियारा खोले जाने के दिन अयोध्या मामले में आए फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह इस तरह के खुशी के मौके पर दिखाई गई ‘‘असंवेदनशीलता’’ से ‘‘बेहद दुखी’’ हैं।
गौरतलब है कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल राम जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करते हुये केन्द्र सरकार को निर्देश दिया कि ‘सुन्नी वक्फ बोर्ड’ को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ भूमि आबंटित की जाये।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने भारतीय इतिहास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस व्यवस्था के साथ ही करीब 130 साल से चले आ रहे इस संवेदनशील विवाद का पटाक्षेप कर दिया।
‘डॉन न्यूज टीवी’ ने कुरैशी के हवाले से कहा, ‘‘ क्या इसको थोड़े दिन टाला नहीं जा सकता था? मैं इस खुशी के मौके पर दिखाए गई ‘‘असंवेदनशीलता’’ से ‘‘बेहद दुखी’’ हूं। ’’
करतारपुर गलियारे के बहुप्रतीक्षित उद्घाटन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ आपको इससे ध्यान भटकाने की बजाय इस खुशी के मौके का हिस्सा बनना चाहिए था। यह विवाद संवेदनशील था और उसे इस शुभ दिन का हिस्सा नहीं बनाना चाहिए था।’’
यह गलियारा गुरदासपुर में बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ता है। यहां गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पाकिस्तान की रावी नदी के पास स्थित है और पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब चार किलोमीटर दूर है। इस साल 12 नवंबर को गुरु नानक की 550वीं जयंती के जश्न के हिस्से के रूप में इसे खोला गया है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि मुस्लिम ‘‘ भारत में पहले ही काफी दबाव में है और भारतीय अदालत का यह फैसला उन पर और दबाव बढ़ाएगा।’’ कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान फैसले को विस्तार से पढ़ने के बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया देगा।
इस बीच, पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद हुसैन ने फैसले को ‘‘ शर्मनाक, बेहुदा, अवैध और अनैतिक’’ करार दिया। सरकारी पाकिस्तानी रेडियो की एक खबर के अनुसार सूचना और प्रसारण मामलों में प्रधानमंत्री की विशेष सहायक फिरदौस एवान ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारतीय शीर्ष अदालत ने बता दिया कि वह स्वतंत्र नहीं है।
उन्होंने कहा कि एक ओर जहां करतारपुर गलियारा खोल पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के अधिकार सुनिश्चित कर रहा है वहीं दूसरी ओर भारत मुसलमानां सहित अल्पसंख्यकों पर जुल्म कर रहा है।
(पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)