अयोध्या फैसला: सिंहस्थ कुंभ मेले की तरह इस बार भी उज्जैन में यौमे पैदाइश पर जुलूस नहीं निकलेगा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 9, 2019 09:49 PM2019-11-09T21:49:25+5:302019-11-09T21:50:35+5:30

जुलूस निरस्त करने के पीछे विचार यही है कि भीड़ का अगर कोई असामाजिक तत्व दुरूपयोग करता है तो ऐसे में पूरे समाज पर प्रश्न चिन्ह अंकित हो सकता है।

Ayodhya Verdict: Like Simhastha this time also procession of yum-e-birth will not be there in Ujjain | अयोध्या फैसला: सिंहस्थ कुंभ मेले की तरह इस बार भी उज्जैन में यौमे पैदाइश पर जुलूस नहीं निकलेगा

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश के उज्जैन में अयोध्या पर आए शीर्ष अदालत के फैसले को सभी पक्षों ने आत्मिक रूप से स्वीकार किया है।आने वाले दिनों में भी यह शांति कायम रहे इसके लिए सीरत कमेटी ने योमे पैदाईश का जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया है।

मध्य प्रदेश के उज्जैन में अयोध्या पर आए शीर्ष अदालत के फैसले को सभी पक्षों ने आत्मिक रूप से स्वीकार किया है। पूर्ण सुरक्षा बंदोबस्त के बीच उज्जैन में शनिवार को शांति से दिन व्यतीत हुआ है। आने वाले दिनों में भी यह शांति कायम रहे इसके लिए सीरत कमेटी ने योमे पैदाईश का जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लिया है।

सीरत कमेटी के सदर शाकीर भाई खालवाला के अनुसार पिछले कई दशकों से योमे पैदाइश पर शहर में जुलूस निकाला जाता रहा है। इस वर्ष यह जुलूस 10 नवंबर को निकाला जाना तय था। अयोध्या पर आए फैसले के बाद शहर में गंगाजमुनी तहजीब के तहत पूरी तरह अमन कायम है। उसी को देखते हुए शनिवार को शहर काजी साहब के सानिघ्य में आयोजित एक बैठक में निर्णय लिया गया है कि यौमे पैदाइश पर निकाले जाने वाले जुलूस को निरस्त किया जाए।

इस निर्णय में सीरत कमेटी के सदस्यों का भी यही पक्ष रहा है। जुलूस निरस्त करने के पीछे विचार यही है कि भीड़ का अगर कोई असामाजिक तत्व दुरूपयोग करता है तो ऐसे में पूरे समाज पर प्रश्न चिन्ह अंकित हो सकता है। 

खालवाला के अनुसार यह पहला अवसर नहीं है जब कि ऐसा किया गया हो। वर्ष 2004 के सिंहस्थ के दौरान भी ऐसी स्थिति बनने पर जुलूस को निरस्त किया गया था। 

वह पिछले 15 वर्षों से कमेटी के सदर हैं। उनका कहना था कि जिले में सभी स्थानों पर जुलूस निरस्त कर दिए गए हैं। इसकी सूचनाएं उन्हे प्राप्त हुई हैं। 

नागदा में सभी मस्जिदों के सदर की एक बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि रविवार को निकलने वाले ईद मिलादुन्नबी का जुलूस नहीं निकाला जाए। सभी मस्जिदों और  मदरसों पर जलसा रहेगा। महिदपुर में भी थाना परिसर में आयोजित बैठक में इसी प्रकार का निर्णय लिया गया है।

Web Title: Ayodhya Verdict: Like Simhastha this time also procession of yum-e-birth will not be there in Ujjain

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