कारसेवक अशोक पुरोहित ने कहा- अब मैं इस जीवन में भव्य राम मंदिर ही देख सकता हूं

By भाषा | Published: November 9, 2019 01:08 PM2019-11-09T13:08:33+5:302019-11-09T13:11:23+5:30

वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवा में शामिल होने वाले 66 वर्षीय पुरोहित ने अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि अब वह इस जीवन में ही भव्य राम मंदिर देख सकेंगे।

Ayodhya Verdict: Karsevak Purohit said- Now I can see the grand Ram temple in this life only | कारसेवक अशोक पुरोहित ने कहा- अब मैं इस जीवन में भव्य राम मंदिर ही देख सकता हूं

आज सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने भी यह साबित कर दिया कि यह मंदिर है।

Highlightsपुरोहित ने 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन के चरम पर होने पर वहां कारसेवा में हिस्सा लिया था। मैं उस समय अयोध्या गया था और अंदर से विवादित ढांचा देखा था।

रामजन्मभूमि आंदोलन के समय कारसेवा में शामिल हुए अशोक पुरोहित की खुशी का पारावार नहीं है कि वह अब अपने जीतेजी राममंदिर देख सकेंगे।

वर्ष 1992 में अयोध्या में कारसेवा में शामिल होने वाले 66 वर्षीय पुरोहित ने अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि अब वह इस जीवन में ही भव्य राम मंदिर देख सकेंगे। पुरोहित ने 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन के चरम पर होने पर वहां कारसेवा में हिस्सा लिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उस समय अयोध्या गया था और अंदर से विवादित ढांचा देखा था। यह मंदिर की तरह दिखता था। आज सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने भी यह साबित कर दिया कि यह मंदिर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब मैं इस जीवन में भव्य राम मंदिर ही देख सकता हूं। अब एक आशा बनी है जो हम सालों पहले भूल चुके थे।’’ 

Web Title: Ayodhya Verdict: Karsevak Purohit said- Now I can see the grand Ram temple in this life only

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