अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की दलील: वाल्मीकि रामायण, राम चरितमानस में राम के जन्मस्थान का जिक्र नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जतायी आपत्ति

By भाषा | Published: September 25, 2019 06:09 AM2019-09-25T06:09:44+5:302019-09-25T06:09:44+5:30

न्यायालय ने मामले की सुनवाई के 30वें दिनमुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी की इस दलील पर आपत्ति जतायी कि आइन-ए-अकबरी में 10वीं ईसा पूर्व से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रमों की छोटी से छोटी जानकारी है लेकिन उसमें विवादित स्थल के भगवान राम का जन्मस्थान होने के संबंध में हिंदुओं की आस्था का जिक्र नहीं हैं’’

Ayodhya Valmiki Ramayana, Ram Charitmanas silent on Ram's birth site, argue Muslim parties | अयोध्या मामले में मुस्लिम पक्ष की दलील: वाल्मीकि रामायण, राम चरितमानस में राम के जन्मस्थान का जिक्र नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जतायी आपत्ति

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsपीठ ने यह भी पूछा कि ‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ और विवाद केवल पवित्र शहर में जन्मस्थान को लेकर है।’’इससे पहले मुस्लिम पक्षकारों की ओर से ही पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलीलें पूरी की थी।

उच्चतम न्यायालय ने मुस्लिम पक्षकारों की उस दलील पर मंगलवार को आपत्ति जतायी कि हिंदुओं के दो पवित्र ग्रंथों ‘वाल्मीकि रामायण’ और ‘राम चरितमानस’ में इस बात का सटीक जिक्र नहीं है कि भगवान राम का जन्मस्थान अयोध्या है और साथ ही न्यायालय ने पूछा कि भक्तों को इस बात को मानने से क्यों वंचित किया जाए कि भगवान राम का जन्म एक खास स्थान पर हुआ था। 

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी से सवाल कर रही थीं। जिलानी ने दलील दी कि पवित्र ग्रंथों और यहां तक कि अबुल फजल की आइन-ए-अकबरी में भी हिंदुओं की सदियों पुरानी इस तथाकथित आस्था का जिक्र नहीं है कि भगवान राम ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के केंद्रीय गुम्बद में जन्म लिया था जिसे अब ध्वस्त कर दिया गया है। 

पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिये कि ‘वाल्मीकि रामायण’ और ‘रामचरित मानस’ में अयोध्या में उस सटीक स्थान का जिक्र नहीं है,जहां राम ने जन्म लिया तो क्या हिंदू यह नहीं मान सकते कि राम का अयोध्या में एक खास स्थान पर जन्म हुआ था।’’ 

न्यायालय ने मामले की सुनवाई के 30वें दिन जिलानी की इस दलील पर आपत्ति जतायी कि आइन-ए-अकबरी में 10वीं ईसा पूर्व से जुड़े ऐतिहासिक घटनाक्रमों की छोटी से छोटी जानकारी है लेकिन उसमें विवादित स्थल के भगवान राम का जन्मस्थान होने के संबंध में हिंदुओं की आस्था का जिक्र नहीं हैं’’ बहरहाल, जिलानी इस विश्वास पर राजी हुए कि अयोध्या का भगवान राम का जन्मस्थान होना सही है और बाहरी बरामदे में ‘राम चबूतरे’ का जन्म स्थान होने को लेकर कोई विवाद नहीं है। 

एक निचली अदालत ने भी यह कहा था और उस आदेश के खिलाफ कोई अपील दायर नहीं की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता पीठ के सवालों का जवाब दे रहे थे। पीठ ने यह भी पूछा कि ‘इसमें कोई विवाद नहीं है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ और विवाद केवल पवित्र शहर में जन्मस्थान को लेकर है।’’ इससे पहले मुस्लिम पक्षकारों की ओर से ही पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने दलीलें पूरी की थी। पीठ बुधवार को भी इस पर सुनवाई जारी रखेगी।

Web Title: Ayodhya Valmiki Ramayana, Ram Charitmanas silent on Ram's birth site, argue Muslim parties

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