बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अयोध्या रही शांत

By भाषा | Published: December 7, 2019 06:16 AM2019-12-07T06:16:25+5:302019-12-07T06:16:25+5:30

प्रशासन ने शाम को यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘समूचे अयोध्या मंडल में छह दिसंबर के दिन शांति रही। सौहार्द के माहौल में शांति के साथ जुमे की नमाज अदा की गई।

Ayodhya remained calm amid tight security arrangements to mark the demolition of Babri Masjid | बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अयोध्या रही शांत

बाबरी मस्जिद गिराने की बरसी पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच अयोध्या रही शांत

Highlights बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसी पर यहां जनजीवन हर रोज की तरह सामान्य रहा, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए। हनुमानगढ़ी मंदिर के वरिष्ठ पुजारी राजू दास ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस दिन को अब ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए।

 बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 27वीं बरसी पर यहां जनजीवन हर रोज की तरह सामान्य रहा, लेकिन एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए। उच्चतम न्यायालय ने दशकों से चले आ रहे अयोध्या मुद्दे पर गत नौ नवंबर को फैसला सुनाया था। भगवान राम की जन्म स्थली इस तीर्थ नगरी के विभिन्न हिस्सों में जनजीवन बिलकुल सामान्य दिखा। सुबह के समय लोग सैर के लिए सड़कों पर निकले। दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हर रोज की तरह खुले।

प्रशासन ने शाम को यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘समूचे अयोध्या मंडल में छह दिसंबर के दिन शांति रही। सौहार्द के माहौल में शांति के साथ जुमे की नमाज अदा की गई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकरियों ने शांति कायम रखने में योगदान के लिए अयोध्या के लोगों, साधु-संतों और मीडिया का धन्यवाद व्यक्त किया।’’ बयान में कहा गया कि अधिकारियों ने देशभर में गंगा-जमुनी संस्कृति के बरकरार रहने की उम्मीद जताई। बाबरी मस्जिद को छह दिसंबर 1992 को गिरा दिया गया था।

दक्षिणपंथी हिन्दू संगठन हर साल इस दिन को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाते रहे हैं, लेकिन इस बार विश्व हिन्दू परिषद ने ऐसा नहीं किया है। हनुमानगढ़ी मंदिर के वरिष्ठ पुजारी राजू दास ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस दिन को अब ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर में हर रोज की तरह श्रद्धालु आ रहे हैं। हमारे लिए और शहर के लिए यह एक सामान्य दिन है। हम इस दिन को ‘सौहार्द दिवस’ के रूप में मना रहे हैं।’’ दास ने कहा कि शाम के समय दीप जलाने के लिए तय किया गया कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। उन्होंने इसका कोई कारण नहीं बताया। दास ने कहा, ‘‘दोपहर बाद हमने श्री राम जन्मभूमि कार्यशाला में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया।’’

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि हालांकि आज का दिन मुसलमानों के लिए दुख का दिन है, लेकिन यह लोगों पर है कि वे ‘यौम ए गम’ (दुख दिवस) मनाना चाहते हैं या नहीं। यहां जामा मस्जिद मलिक शाह में हाजी इस्माइल अंसारी के निर्देशन में बच्चे कुरान पढ़ते देखे गए, साथ में मस्जिद की दीवार पर बाबरी मस्जिद का एक चित्र भी टंगा था। मस्जिद से जुड़े मोहम्मद शहजाद राईन ने कहा कि अयोध्या के हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच कोई समस्या नहीं है जो पीढ़ियों से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में रहते आए हैं। राम जन्मभूमि थाने के पास तेरही बाजार स्थित मस्जिद में लगभग 150 मुस्लिमों ने दोपहर बाद शुक्रवार (जुमे) की नमाज अदा की। मस्जिद में पहुंचे लोगों से मौलाना शफीक आलम ने कहा, ‘‘छह दिसंबर हमारे लिए दुख का दिन है।’’ उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा शीर्ष अदालत के नौ अगस्त के निर्णय के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने का स्वागत किया।

मौलाना ने लोगों से कहा कि वे अपने अधिकारों की मांग करें और खुदा को याद रखें। शफीक आलम ने कहा कि तेरही बाजार मस्जिद लगभग 200 साल पुरानी है और पास में 40-50 मुस्लिम परिवार रहते हैं। विभिन्न आयु समूहों के लोग कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज अदा करने मस्जिद पहुंचे। रानोपल्ली क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय में कक्षाएं हर रोज की तरह जारी थीं। स्कूल के शिक्षक लाल बहादुर यादव ने कहा, ‘‘स्कूल में कुल 74 विद्यार्थी हैं। कल 52 बच्चे उपस्थित थे, आज लगभग 30 बच्चे उपस्थित हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी की वजह से आज बच्चों की उपस्थिति कम है, उन्होंने कहा, ‘‘संभवत: हां, क्योंकि कुछ अभिभावकों में छह दिसंबर को लेकर चिंता रहती है।’’

रिकाबगंज क्षेत्र में विभिन्न मंदिरों में भजन चल रहे थे। शहर में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान हर रोज की तरह खुले। अयोध्या निवासी ब्रजेश कुमार ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह एक आम दिन है।’’ शहर में कानून व्यवस्था से जुड़ी स्थिति को देखने के लिए विभिन्न जगहों पर पुलिसकर्मियों ने हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी। शहर में ठीक वैसे ही सुरक्षा इंतजाम किए गए जैसे कि नौ नवंबर को अयोध्या मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर किए गए थे। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि धार्मिक संगठनों ने प्रशासन को आश्वासन दिया कि आज के दिन को कोई ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाएगी। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने शहर के विभिन्न स्थानों का दौरा किया।

झा ने कहा, ‘‘अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन करने वाले सभी पक्षों ने सौहार्द के संदेश भेजने के महत्व को समझा। उनमें से अधिकतर ने कार्यक्रम रद्द कर दिए।’’ जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा धारा 144 का उल्लंघन कर एकत्र होने की आशंका की खुफिया सूचना के बाद पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘उचित निगरानी और पड़ताल की जा रही है। कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।’’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तिवारी ने कहा, ‘‘हम समूचे शहर का दौरा कर रहे हैं। सुरक्षा तैनाती इस तरह से की गई है कि आम आदमी को कोई समस्या न हो। बल पहले से ही पैदल मार्च भी कर रहा है और विभिन्न घटनाक्रमों पर नजर रखने के लिए ड्रोन इस्तेमाल किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि जुमे की नमाज को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समूचे जिले को सुरक्षा के दृष्टिकोण से चार जोन, 10 सेक्टरों और 14 उप-सेक्टरों में बांटा गया।

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि बालू भरे थैलों से युक्त 78 चौकियां स्थापित की गई हैं जहां सशस्त्र पुलिसकर्मी तैनात हैं। यातायात को नियंत्रण में रखने के लिए अवरोधक लगाए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में 269 पुलिस पिकेट स्थापित की गई हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 305 ‘शरारती तत्वों’ की पहचान की गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके अतिरिक्त नौ त्वरित कार्रवाई टीम तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच गिरफ्तारी दल बनाए गए हैं और 10 अस्थायी जेल बनाई गईं।’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस टीम होटल, धर्मशालाओं और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर तलाशी अभियान चला रही हैं। भाषा नेत्रपाल उमा उमा

Web Title: Ayodhya remained calm amid tight security arrangements to mark the demolition of Babri Masjid

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