अयोध्या विवाद: राम लला के वकील ने कहा-हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या राम का जन्मस्थान है
By स्वाति सिंह | Published: August 14, 2019 12:24 PM2019-08-14T12:24:39+5:302019-08-14T12:24:39+5:30
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में पर सुप्रीम कोर्ट में 5 अगस्त से रोजाना सुनवाई शुरू की है। बुधवार को सुनवाई का छठा दिन है।
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को लगातार छठे दिन सुनवाई जारी है। सुनवाई के दौरान राम लला के वकील ने कहा 'हिन्दुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है। अदालत को यह जांच नहीं करनी चाहिए कि यह कितना तार्किक है।
इससे पहले मंगलवार को इस मुद्दे पर बहस शुरू हुई कि क्या इस विवादित स्थल पर पहले कोई मंदिर था। सुप्रीम कोर्ट इस समय अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि इस प्रकरण के तीनों पक्षकारों - सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला - के बीच बराबर बराबर बांटने का निर्देश देने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपीलों पर सुनवाई कर रही है।
इस विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाने में सफलता नहीं मिलने के बाद न्यायालय छह अगस्त से इसकी रोजाना सुनवाई कर रहा है।
बुधवार की सुनवाई के लाइव अपडेट-
- राम लला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष आगे दलीलें पेश कीं। पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। वैद्यनाथन ने पीठ से कहा, ‘‘हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्म स्थान है और न्यायालय को इसके आगे जाकर यह नहीं देखना चाहिए कि यह कितना तार्किक है।’
- कोर्ट को बताया गया कि भारत की यात्रा पर 1608 में आए अंग्रेज कारोबारी विलियम फिंच ने अयोध्या में किलेनुमा महल का उल्लेख किया है जिसे हिन्दू भगवान राम का जन्म स्थान मानते थे ।
- सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि फिंच के यात्रावृतांत ‘अर्ली ट्रैवल्स टू इंडिया’ में उल्लेख है कि हिन्दू अयोध्या को भगवान jराम का ‘जन्मस्थान’ मानते हैं।
-रामलला के वकील के द्वारा स्कन्द पुराण का जिक्र किए जाने पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप जिन शब्दों का जिक्र कर रहे हैं, उनमें रामजन्मभूमि के दर्शन का जिक्र है।
-अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है। रामलला विराजमान की तरफ से सीएस वैद्यनाथन अपनी दलीलें रखी।