हजार साल तक प्राकृतिक आपदाओं में खड़ा रहेगा राम मंदिर, ढांचा भूकंप रोधी झेलने में सक्षम, जानिए क्या है राज
By भाषा | Published: August 7, 2020 09:47 PM2020-08-07T21:47:40+5:302020-08-07T21:47:40+5:30
अयोध्या के कारसेवकपुरम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर की नींव के स्तंभ उतने गहरे होंगे जितने नदियों पर बनने वाले पुलों के होते हैं जिससे मंदिर भूकंप रोधी होगा।
अयोध्याः अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम देख रहे न्यास के एक सदस्य ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर का ढांचा भूकंप रोधी और हजार सालों तक प्राकृतिक आपदाओं को झेलने में सक्षम होगा।
अयोध्या के कारसेवकपुरम में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि मंदिर की नींव के स्तंभ उतने गहरे होंगे जितने नदियों पर बनने वाले पुलों के होते हैं जिससे मंदिर भूकंप रोधी होगा। उन्होंने कहा कि मंदिर इतना मजबूत होगा कि हजार सालों तक प्राकृतिक आपदाओं को झेल सके।
मंदिर के नींव की योजना जल्द ही तैयार हो जाएगी क्योंकि यह अंतिम चरण में है
राय ने कहा कि मंदिर निर्माण का कार्य करने वाले कंपनी ‘लार्सन एंड टर्बो’ ने उन्हें बताया कि मंदिर के नींव की योजना जल्द ही तैयार हो जाएगी क्योंकि यह अंतिम चरण में है। उन्होंने कहा, “हम तय शुल्क अदा करने के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण से योजना पारित करवाएंगे। हम किसी तरह की छूट नहीं चाहते।”
चंपत राय ने कहा कि जमीन की खुदाई और उसे समतल किये जाने के दौरान मिलने वाली प्रस्तर प्रतिमाओं को मंदिर में प्रदर्शन के लिये रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि न्यास को अब तक अपने बैंक खाते में 42 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं और लोग एक रुपये से लेकर एक करोड़ तक दान कर रहे हैं।
उन्होंने पांच अगस्त को ‘भूमिपूजन’ के लिए अयोध्या आने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “संकट के समय और आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री ने अयोध्या आने और राम लला को साष्टांग दंडवत कर सम्मान व्यक्त करने का फैसला लिया।”
हनुमानगढ़ी मंदिर में सामान्य दिनों की तरह दर्शन के लिए आये श्रद्धालु
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन किये जाने के बाद हनुमानगढ़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का सामान्य दिनों की तरह दर्शन के लिए आना शुरू हो गया। पुलिस के एक कांस्टेबल की नजर सब पर थी ताकि कोविड-19 के मद्देनजर सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित हो सके।
ठंडी हवाओं और आसमान में बादल छाए रहने के साथ सुबह के समय सरयू नदी में लोग डुबकी लगाते नजर आये। उत्साहित युवा सेल्फी ले रहे थे। घाट पर पूजा अर्चना जारी थी। हनुमानगढ़ी के आसपास की दुकानें खुल गयीं। दुकानदारों को उम्मीद है कि राम मंदिर बनने के बाद उनका कारोबार भी गति पकड़ेगा। गोरखपुर के रहने वाले पीएसी कांस्टेबल 47 वर्षीय श्रीराम मंदिर के निकट पुलिस पिकेट पर तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को अधिक श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने आये। अतिविशिष्ट लोगों के बुधवार को आवागमन के मद्देनजर ठहरा हुआ सामान्य जनजीवन फिर पटरी पर लौट आया। हनुमानगढ़ी मंदिर के आसपास प्रसाद की दुकानें खुल गयीं। श्रद्धालु दर्शन से पहले पूजन सामग्री और प्रसाद लेते दिखे । पूजन सामग्री बेचने वाले अमित कुमार ने बताया कि पांच दिन बाद दुकान खोली है।
शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी थी जबकि सोमवार से बुधवार तक दुकान बंद रही । कुमार का मानना है कि राम मंदिर बनने से उन्हें कारोबार में फायदा होगा । राकेश मोदनवाल का भी ऐसा ही मानना है, जो हिन्दू देवी देवताओं की मढी हुई फोटो बेचते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दस दिन से आ रहे श्रद्धालु राम लला की फोटो मांग रहे हैं।
कपड़ा व्यवसायी रवि चंद्र गुप्ता भी राम मंदिर बनने पर कारोबार बढ़ने को लेकर आश्वस्त हैं। मिठाई दुकानदार राकेश कुमार भी ऐसी उम्मीद रखते हैं। उनका कहना है कि मंदिर बनने का सकारात्मक असर उनके काम धंधे पर पड़ेगा। एक अन्य मिठाई विक्रेता अरविन्द ने बताया कि वह तीन से चार पीढ़ियों से ये दुकान चला रहे हैं। भव्य राम मंदिर का निर्माण होने पर निश्चित तौर पर उन्हें मदद मिलेगी और कोविड-19 की वजह से जो चुनौतियां इस समय पेश आयी हैं, उनसे भी निजात मिलेगी।